फिल्म के कहानी: आकाश में जंग
फिल्म “Sky Force” एक जबरदस्त कहानी पेश करेले, जहाँ 1960 के दशक में अहुजा अपने स्क्वाड्रन के बेमिसाल Mystere IVa फाइटर-बॉम्बर विमान चलावे के ट्रेनिंग देत बा। अहुजा बतावत बा कि ई विमान तकनीक आ निर्माण में दुश्मन के F-104 Starfighter से कमज़ोर बा, जे एक सुपरसोनिक इंटरसेप्टर हवे आ जवन Mystere IVa के मुकाबले तेज़ी से उड़ सकेला। “तू एक विमान से ना लड़त बाड़ा, तू आदमी से लड़त बाड़ा,” अहुजा अपने सिपाही लोगन के कहतार।
पायलट ‘टैबी’ के कहानी
फिल्म में एकदम अलग एक पात्र बा – कोड नाम ‘टैबी’ – पायलट टी विजय (वीर पहारिया)। विजय आत्मविश्वासी बा, लेकिन आदेश के नहीं मानेला। फिरो, सबके मानल बा कि ऊ बहुत कुशल पायलट ह। फिल्म के अधिकांश हिस्सा विजय के इर्द-गिर्द घुमेला।
फाइट सीन के भव्यता
ई फिल्म में यथार्थवाद के कमी जरूर बा, काहे कि कई सीन आ पात्र के नाटकीयता कुछ ज्यादा बा, लेकिन भव्यता के कमी ना होखे। लड़ाई के सीन एकदम शानदार बा – धड़कन बढ़ा देवे वाला फाइटर जेट आकाश में एक प्रभावशाली रूप में कट रहल बा। ई निडर स्टंट आ साहस के करतब फिल्म के पहले आधा हिस्सा के प्रमुख हिस्सा बनावेलें।
तकनीकी निष्पादन आ स्मार्ट पेसिंग
फिल्म के दू गो चीज़ मदद करेला – तकनीकी निष्पादन आ स्मार्ट पेसिंग। जवन दिमाग के झंझट में डाल देवे वाला जार्गन के कमी बा आ तेज़ संपादन के कारण फिल्म के रिदम बढ़िया बा।
FAQs
फिल्म के मुख्य पात्र के नाम का ह?
फिल्म के मुख्य पात्र के नाम टी विजय बा, जवन ‘टैबी’ के कोड नाम से जानल जाला।
फिल्म के सेटिंग कइसे बा?
फिल्म के सेटिंग 1960 के दशक में बा, जहाँ भारतीय वायुसेना के पायलट लोगन के ट्रेनिंग आ लड़ाई के कहानी बतावल गइल बा।
क्या फिल्म के लड़ाई के सीन असली लगत बा?
फिल्म में लड़ाई के सीन भव्यता से भरा बा, लेकिन कुछ लोग एकरा के यथार्थवाद में कमी मान सकत बाड़न।
फिल्म के संदेश का ह?
फिल्म के संदेश ह कि विमान से ज्यादा महत्वपूर्ण पायलट के कौशल आ साहस बा।