मकर संक्रांति पर अखिलेश यादव के गंगा स्नान
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हरिद्वार में गंगा नदी में स्नान कइले। “माँ गंगा के आशीर्वाद लेवे खातिर मकर संक्रांति के त्योहार पर,” ऊ सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में कहलन। साथे में गंगा में स्नान के फोटो भी साझा कइले।
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर लिया माँ गंगा का आशीर्वाद। pic.twitter.com/Rx1ZRHsH7m— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 14, 2025
हालांकि पूर्व उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री स्थान के बतावल नाई, लेकिन पार्टी के स्रोत कहले कि ऊ हरिद्वार में स्नान कइले। जब उनकरा से पूछल गइल कि ऊ प्रयागराज में होखे वाला महा कुम्भ में जइहें का, त यादव कहले कि ऊ हमेशा धार्मिक समागम में जाले।
“कुछ लोग गंगा में स्नान कइके ‘पुण्य’ कमावे खातिर जालें, कुछ लोग ‘दान’ देवे खातिर आ कुछ लोग अपने पाप धोवे खातिर। हम ‘पुण्य’ आ ‘दान’ खातिर जइब,” ऊ रिपोर्टर के बतवले।
2019 में यादव प्रयागराज में अर्ध कुम्भ के दौरान स्नान कइले रहलन।
भोजपुरी संस्कृति आ गंगा स्नान
गंगा स्नान के महत्व भोजपुरी संस्कृति में बहुत जादे बा। गंगा नदी के पवित्रता आ ओकरा में स्नान के पुण्य लोगन के बीच एक खास स्थान रखेला। मकर संक्रांति पर गंगा में स्नान कइल ना केवल धार्मिक आस्था के प्रतीक ह, बलुक एक सांस्कृतिक परंपरा भी ह।
अखिलेश यादव के गंगा में स्नान से ना केवल उनका के आशीर्वाद मिलल, बलुक ई भोजपुरी समाज के धार्मिक आ सांस्कृतिक धरोहर के भी याद दिलवावल।
FAQs
1. मकर संक्रांति कब मनावल जाला?
मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी के मनावल जाला।
2. गंगा स्नान के का महत्व बा?
गंगा स्नान के धार्मिक आ आध्यात्मिक महत्व बा, जवन पाप धोवे आ पुण्य कमावे में मदत करेला।
3. अखिलेश यादव काहे गंगा में स्नान कइले?
ऊ मकर संक्रांति के अवसर पर माँ गंगा के आशीर्वाद लेवे खातिर स्नान कइले।
4. महा कुम्भ कब होई?
महा कुम्भ हर 12 साल पर मनावल जाला, आ ई प्रयागराज में होखेला।
ई खबर से जुड़ल जानकारी आ भोजपुरिया संस्कृति के महत्व पर ध्यान दिहल गइल।