अचलेसिया: एक अद्भुत बीमारी के कहानी
सोचीं, अगर हर बार खाए खातिर खड़ा होके पीयल जाव, ना कि आपन इच्छा से, बल्कि घुटके मर जाए के डर से। ई रोज के कहानी ह 25 साल के एलिस बेयनार्ड के, जेकि डोवर, केंट के एक स्वास्थ्यकर्मी बाड़ी। ऊ अचलेसिया के शिकार बाड़ी—एक अजीब बीमारी, जेकरा से अन्नन के पाचन में दिक्कत होती। एलिस खातिर, जेकरा के बहुते लोग साधारण मानत बाड़ें—खाना—ई एक नाजुक आ कई बार पीड़ादायक प्रक्रिया बन जाला।
अचलेसिया का ह, आ ई काहे से जीवन बदल देला?
एलिस के दुख शुरू भइल जनवरी 2020 में, जब ऊ अचानक निगल ना पाईं आ ना ही डकार ले पाईं, संगही छाती में एक लगातार कड़ा एहसास होखल। शुरू में डॉक्टर लोगन ई समस्या के एसिड रिफ्लक्स बताके दवाई दीहलन, लेकिन ई कुछ ना कर पवल। समय के साथ, एलिस के रोटी आ पास्ता जइसन साधारण खाना खाए में दिक्कत बढ़े लागल।
“एक दिन, हम 63 बार उल्टी कइलीं। रात में पानी पीए के उठत रहलीं आ ऊ सीधा बाहर आ जात रहला,” एलिस बतवली। धीरे-धीरे, ऊ खाना आ पीयल चीज के सामान्य तरीका से ग्रहण करे में असमर्थ हो गईल। 2021 में, कई साल के निराशा आ स्वास्थ्यकर्मी लोगन के नजरअंदाजी के बाद, एलिस के एक गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट के पास भेजल गइल। एन्डोस्कोपी के नतीजा सामान्य रहल, लेकिन ऊ स्थिति में सुधार ना भइल।
अब ऊ सिर्फ सात पत्थर के रह गईल बाड़ी, आ ऊ सिर्फ दूध में भिगोआल अनाज आ चिप्स पर निर्भर बाड़ी। ई बीमारी ना सिर्फ ओकर शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालल, बल्कि भयंकर पीड़ा भी पैदा कइलस। “एक साइड इफेक्ट ह ओसोफेगल स्पाज्म—जवना से हमार जबड़ा, गरदन, आ पीठ में दर्द होखल,” एलिस कहली। “ई सच में हार्ट अटैक जइसन लागेला। कइएक दिन हम फर्श पर रोवत बानी। ई मौत के सजा ना ह, लेकिन जीए के तरीका ना ह।”
अचलेसिया के लक्षण आ गंभीरता
अचलेसिया एक दुर्लभ बीमारी ह, जेकरा से अन्न आ तरल पदार्थ के पेट में पहुंचावे में दिक्कत होखेला। जॉन्स हॉपकिंस मेडिसिन के अनुसार, समस्या निचला ओसोफेगल स्पिंक्टर (LES) में होला, जेकरा से अन्न आ तरल पदार्थ पेट में जाला। अचलेसिया से पीड़ित लोगन के निगलने में परेशानी, उल्टी, छाती में दर्द आ वजन घटे जइसन लक्षण महसूस होखेला।
अगर ई बीमारी इलाज ना भइल, त ई गंभीर स्थिति में बदल सकेला। समय के साथ, लोगन के ठोस आ तरल पदार्थ ग्रहण करे में कठिनाई होखेला, जेकरा से वजन घटे आ गंभीर स्थिति में कुपोषण हो सकेला। अचलेसिया से ग्रसित लोगन के ओसोफेगल कैंसर के खतरा भी बढ़ जाला।
अचलेसिया के कारण आ इलाज
अचलेसिया के सटीक कारण के बारे में अभी तक पता ना चलल, लेकिन एक थ्योरी बतावेला कि ई एक ऑटोइम्यून बीमारी हो सकेला, जेकर शुरुआत एक वायरल संक्रमण से होखेला। ई स्थिति में, प्रतिरक्षा प्रणाली ओसोफेगल दीवारन के मांसपेशी के तंत्रिका कोशिकन पर हमला करेला।
एलिस के इलाज खातिर अब ऊ एक सर्जिकल प्रक्रिया के विकल्प चुनले बाड़ी, जेकरा के पेरोरल एंडोस्कोपिक म्योटॉमी (POEM) कहल जाला। ई प्रक्रिया निचला ओसोफेगस के मांसपेशी के काटके खाना के पेट में जाए खातिर जगह बनावे में मदद करेला। लेकिन ऊ अभी तक रेफरल के इंतजार में बाड़ी।
FAQs
अचलेसिया के लक्षण का का होला?
निगलने में कठिनाई, उल्टी, छाती में दर्द, वजन घटना आ रात में खांसी।
अचलेसिया के इलाज कैसे होला?
सर्जरी, बलून डाइलेशन, आ गंभीर स्थिति में ओसोफेगस के हटावल।
ई बीमारी के कारण का होला?
सटीक कारण ना पता, लेकिन ई एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया से हो सकेला।
एलिस जइसन लोगन के कहानी हमनी के सोच में बदलाव लावे के जरूरत बा। ई केवल एक बीमारी ना ह, बलुक एक संघर्ष ह, जेकरा के हर दिन सामना करे के पड़ेला।