गणतंत्र दिवस आ मणिपुर के सचाई
गणतंत्र दिवस के उत्सव भारत में एकता, विविधता, आ संविधान के प्रति प्रतिबद्धता के प्रदर्शन कइल जाला। लेकिन मणिपुर में, ई अवसर एक असहज याद दिलावे ला कि एह आदर्शन आ लोगन के जीयल सच्चाई में कितना फर्क बा। पिचला बीस महीना से ई राज्य एक संघर्ष में रहल बा, जेकरा चलते प्रणालीगत असफलताएं उजागर भइल बा, लोगन में परायापन गहराइल बा, आ ओह शासन मॉडल के सीमाएं साफ-साफ सामने आ गइल बा, जे नियंत्रण के बजाय समावेश पर जोर देवे के चाही। ई सिरिफ एक क्षेत्रीय संकट ना, बल्कि भारत के लोकतंत्र, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता, आ संविधान के वादा पूरा करे के क्षमता के राष्ट्रीय परीक्षा ह।
मणिपुर के संघर्ष आ गणतंत्र दिवस के बहिष्कार
मेतई समूह, जइसे कि सोशलिस्ट यूनिटी, कांग्लेपाक (ASUK), आ समन्वय समिति (CorCom), जे सात घाटी-आधारित सशस्त्र संगठनों के एकत्रित करत बा, गणतंत्र दिवस के बहिष्कार के बारे में कहलन कि 26 जनवरी के दिन मणिपुर के जबरदस्ती एक बड़ा शासन प्रणाली में समाहित कइल गइल। ई दिन के ओह लोगन के नजर में दमन के प्रतीक मानल जाला। मणिपुर के ई स्थिति के खिलाफ ओह लोगन के आवाज उठावल जरूरी बा।
कुकी-जोमी समुदाय के नजरिया
हालांकि, कुकी-जोमी समुदाय ई दिन के अलग नजरिया से देखत बाड़ें। ओह लोगन के हिसाब से, गणतंत्र दिवस एक मौका ह, जब देश के विविधता के सम्मान कइल जाला। ई दिन के मनावल के मतलब ह कि सब समुदाय आ संस्कृति के एक साथ लावल जाव आ एकजुटता के भावना के बढ़ावल जाव।
भारत के लोकतंत्र के परीक्षा
ई मणिपुर के समस्या सिरिफ एक क्षेत्रीय मुद्दा ना, बल्कि ई भारत के लोकतंत्र के परीक्षा ह। जब हम लोकतंत्र के बात करत बानी, त ओह में सब लोग के अधिकार के सम्मान के साथ-साथ हर समुदाय के समावेश के बात भी शामिल बा। मणिपुर के संघर्ष आ ओकरा के लेकर हो रहल बहस, भारत के न्याय आ संविधान के प्रति प्रतिबद्धता के असली मापदंड ह।
संघर्ष आ समाधान के राह
मणिपुर में चल रहल संघर्ष आ ओकरे समाधान खातिर एक ठोस आ समावेशी नीति के जरूरत बा। अगर सरकार ई सोच के साथ आगे बढ़े कि सब समुदाय के शामिल कइल जाव, त शायद ई संकट के हल खोजल जा सकेला।
FAQs
गणतंत्र दिवस के मणिपुर में काहे बहिष्कार कइल गइल?
गणतंत्र दिवस के बहिष्कार के वजह ई बा कि कुछ समूह एह दिन के दमन के प्रतीक मानत बाड़ें।
कुकी-जोमी समुदाय एह दिन के कइसे देखत बा?
कुकी-जोमी समुदाय एह दिन के एकजुटता आ विविधता के सम्मान के मौका मानत बाड़ें।
मणिपुर के संघर्ष के समाधान कइसे हो सकीला?
मणिपुर के संघर्ष के समाधान खातिर एक ठोस आ समावेशी नीति बनावल जरूरी बा, जे सब समुदाय के शामिल करे।