कश्मीर के सर्दी: एक कठोर सर्दी के तैयारी
कश्मीर अबकी बार एकदम कड़ा सर्दी के सामना करे के तइयार हो रहल बा। मौसम के जानकारन के अनुसार, इस साल भारी बर्फबारी आ शून्य से नीचे के तापमान के बार-बार घटना के उम्मीद बा, जवन खासकर ला नीना जलवायु घटना के प्रभाव से हो रहल बा।
ला नीना के प्रभाव
ला नीना तब होला जब मध्य उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर के सतही तापमान काफी ठंडा हो जाला। ई वायुमंडलीय परिसंचरण के पैटर्न में बदलाव लावे ला, जवना से दुनियाभर में चरम मौसम के स्थिति पैदा हो सकेला। डॉ. मुख्तार अहमद, जम्मू आ कश्मीर के भारत मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक, पुष्टि कइले बाड़न कि ला नीना के प्रभाव सर्दी बढ़ला के साथ-साथ और तेज हो जाई।
उ कहलन, “ला नीना पहिले भी कश्मीर में भारी बर्फबारी लवले बा। इस साल ई तेज हो रहल बा, आ हमनी के बार-बार बर्फबारी आ ठंड तापमान के उम्मीद बा, जइसे कश्मीर की पारंपरिक सर्दी।”
उम्मीद से ज्यादा वर्षा
ई भविष्यवाणी से क्षेत्र में सामान्य से अधिक वर्षा के उम्मीद बा, साथे ठंडा तापमान भी कश्मीर, जम्मू आ लद्दाख में। कश्मीर घाटी पहले से ही आ रहल कठोर सर्दी के संकेत देख चुकल बा। नवंबर, जवन ठंडी मौसम के शुरुआत मानल जाला, में पहाड़ी इलाकन में तीन बार मध्यम बर्फबारी भइल।
साल के शुरुआत से ही बर्फबारी के चलते तापमान तेजी से गिरल बा, आ रात के तापमान लगभग 0°C से -5°C के बीच रह रहल बा। मौसम के जानकारन के अनुसार, सर्दी के बढ़ला के साथ बर्फबारी के तीव्रता भी बढ़े के संभावना बा, जवन लंबे समय तक ठंडा मौसम के कारण बनेगा।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
हाल के सालन में कश्मीर में चरम मौसम में बदलाव आ रहल बा। लम्बा सूखा आ बढ़ल तापमान के स्थिति, जवन विशेषज्ञ लोग जलवायु परिवर्तन के प्रभाव मानत बाड़न। लेकिन इस साल, ला नीना घटना, जवन पिछले साल के एल नीनो के उलट बा, कश्मीर में भारी बर्फबारी आ ठंडा तापमान लावे के उम्मीद बा।
पिछला साल के सक्रिय एल नीनो से गर्मी आ वर्षा के कमी भइल रहुवे, लेकिन ला नीना के वापसी से कश्मीर अब एक बर्फ के जादुई दुनिया में बदल सकेला, जवन पर्यटकन के आकर्षित करी, लेकिन स्थानीय लोगन के सामने कई चुनौती भी खड़ा करी।
पर्यटन आ स्थानीय लोगन के चुनौती
भारी बर्फबारी से पर्यटन में बढ़ोतरी के उम्मीद बा, काहेंकि लोग बर्फीला दृश्य के मजा लेवे खातिर क्षेत्र में अइहें। लेकिन, कठोर सर्दी स्थानीय लोगन के लिए कई कठिनाइयाँ भी पैदा करी।
बर्फबारी से परिवहन बाधित हो सकेला, ढांचा के नुकसान हो सकेला, आ जरूरी सेवाएं तक पहुँच पावे में दिक्कत हो सकेला। एसे, ई सर्दी स्थानीय लोगन खातिर मिश्रित भाग्य के समय होई।
FAQs
कश्मीर में सर्दी के समय तापमान का होई?
कश्मीर में सर्दी के समय तापमान सामान्यतः 0°C से -5°C के बीच रह सकेला।
ला नीना के प्रभाव से कश्मीर में का बदलाव होई?
ला नीना के प्रभाव से कश्मीर में भारी बर्फबारी आ ठंडा तापमान के उम्मीद बा।
बर्फबारी से कवन-कवन समस्या हो सकेला?
बर्फबारी से परिवहन में बाधा, ढांचा के नुकसान आ जरूरी सेवाएं के पहुँच में दिक्कत हो सकेला।
पर्यटन पर बर्फबारी के का असर होई?
भारी बर्फबारी से पर्यटन में बढ़ोतरी के उम्मीद बा, लेकिन स्थानीय लोगन के कई कठिनाइयाँ भी सहन करे के पड़ी।