वैदाकलाई आ थेंकालाई संप्रदाय के बीच बिवाद के आग फिर से भड़की
तमिलनाडु के वरदराजा पेरुमल मंदिर में हर साल के ‘पार्वेट्टाई’ रिवाज के दौरान वैदाकलाई आ थेंकालाई संप्रदाय के बीच पुरान दुश्मनी एक बार फिर से ताजा हो गइल। ई घटना तब भइल जब देवता के एक कांच के पालकी में लेकर पज़हयासिवरम गाँव के माट्टू पोंगल उत्सव खातिर ले जाइल जा रहल रहे।
जवन समय परेड वलाजाबाद आ आसपास के इलाकन से गुजरल, त ओहिजा दूनो संप्रदाय के लोगन में केहू के पहिले भजन गावे के अधिकार के लेके बहस शुरू हो गइल। ई बहस जल्दी ही चिल्लाने आ धक्का-मुक्की में बदल गइल, जवन देख के पुलिस भी स्थिति पर काबू ना पा सकल।
आखिरकार, स्थानीय गाँववालेन के बीच-बचाव कइल आ दूनो समूह के झगड़ा रोके खातिर कहल। तब जाकर रिवाज बिना अउरी कवनो विघ्न के आगे बढ़ल।
संप्रदाय के बीच पुरान मतभेद
वैदाकलाई आ थेंकालाई संप्रदाय, जे भगवान विष्णु के पूजा के अलग-अलग तरीका पर आधारित बाड़न, इहाँ के मंदिर परंपरा पर कई मुद्दा पर विवाद कइले बाड़न। ई विवाद भजन गावे के तरीका, मंदिर के हाथी पर ‘नामम’ के रूप, आ पवित्र भोग, जइसे कि डोसा के तैयारी पर केंद्रित बाड़न। ऐसे कई मुद्दा त अदालत तक पहुँच चुकल बाड़न।
वैदाकलाई अनुयायी मुख्य रूप से संस्कृत शास्त्र के पालन करेलन, जबकि थेंकालाई भक्त लोग तमिल भजन पर जोर देलन।
पिछला बिवाद आ संस्कृति के छाया
ई घटना 2024 के जनवरी में कांचीपुरम में भइल एक समान झगड़ा के याद दिलावेल। ओहिजा भी मंदिर के परेड विवाद के कारण बाधित भइल रहे। बार-बार ए तरह के विवाद होखला के बावजूद, मामला अबहियो हल ना भइल बा आ ई पवित्र परंपरा पर एक काला साया डालत रहल बा।
FAQs
ई विवाद काहे हो रहल बा?
ई विवाद मुख्य रूप से भजन गावे के अधिकार आ मंदिर के परंपराओं पर आधारित बा।
वैदाकलाई आ थेंकालाई संप्रदाय में का अंतर बा?
वैदाकलाई अनुयायी संस्कृत शास्त्र के पालन करेलन, जबकि थेंकालाई भक्त लोग तमिल भजन पर जोर देलन।
कइसन स्थिति पुलिस के सामने आइल?
पुलिस स्थिति पर काबू ना पा सकल आ स्थानीय गाँववालेन के बीच-बचाव के जरूरत पडल।
ई विवाद के समाधान कइसे हो सकेला?
ई विवाद के समाधान खातिर आपसी बातचीत आ सम्मान के जरूरत बा।
ई घटना आ विवाद के इतिहास देख के साफ बा कि भोजपुरिया संस्कृति में परंपरा आ धार्मिक आस्था के महत्व बहुत गहरा बा, जेकरा खातिर लोग हमेशा सजग आ समर्पित रहेलन।