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न्यूज़ आर्टिकल
प्रकाशित तारीख – 29 दिसंबर 2024, 11:45 PM
भोजपुरिया संस्कृति के रंग
भोजपुरिया समाज में हर त्योहार आ अवसर पर कुछ खास रंग भरल जाला। 29 दिसंबर के दिन, जब सब लोग नवा साल के तैयारी में व्यस्त रहेलन, तब लोग आपन पारिवारिक आ सांस्कृतिक परंपरा के भी याद करेलन।
सांस्कृतिक महत्व
ई समय पर भोजपुरिया लोग एक-दूसरा के संग मिलके खुशियाँ मनावेलन। आंगन में सजावट, पकवान बनावल आ खासकर, बचपन के याद ताजा करावल जाला। हर जगह हंसी-खुशी के माहौल रहेला।
लोकल आर्ट आ एंटरटेनमेंट
भोजपुरी लोक कला आ संगीत में भी ई दिन खास महत्व राखेला। लोग गाना गाके, नाचके आ आपसी मिलनसारिता के भावना के बढ़ावे में लागल रहेला। असल में, ई एक तरीका हवे आपन संस्कृति के जिंदा रखे के।
निष्कर्ष
एह दिन के खासियत ई ह कि ई भोजपुरिया संस्कृति के एकता आ विविधता के प्रतीक ह। जब सब लोग एक साथ मिलके खुशियाँ मनावेलन, त समाज के एक नया दिशा मिलेला।
FAQs
ई दिन के खासियत का ह?
ई दिन भोजपुरिया समाज में आपसी प्रेम आ मिलनसारिता के प्रतीक ह।
लोग ए दिन का का मनावेलन?
लोग ए दिन परिवार संग मिलके पकवान बनावेलन आ नाच-गाना करके खुशियाँ मनावेलन।
भोजपुरी संस्कृति के का महत्व बा?
भोजपुरी संस्कृति आपन रंग-बिरंग आ विविधता के कारण पहचानी जाला, जे समाज के एकता के बढ़ावा देला।
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