Thursday, March 13, 2025
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केरल: LDF सरकार के पलक्कड़ में ब्रुअरी यूनिट के अनुमति कांग्रेस के दिल्ली शराब केस से जुड़ाव पर सवाल उठल

केरल में शराब फैक्ट्री के मुद्दा पर बवाल

केरल में सत्ताधारी LDF सरकार के फैसला पर विवाद उठल बा। सरकार एक कंपनी के पाला काद में शराब फैक्ट्री खोले के अनुमति देले बिया, जबकि विपक्षी कांग्रेस पार्टी इ बतावत बिया कि ई कंपनी दिल्ली के शराब नीति मामले में शामिल बा। लेकिन सरकार इन आरोप के खारिज कइले बिया आ कहले बिया कि ऊ नियम आ मानदंड के पालन कर रहल बिया।

काबिनेट के मंजूरी

राज्य के कैबिनेट बुध के ओएसिस कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के कांचिकोड में प्लांट स्थापित करे के मंजूरी दिहलस, लेकिन ई मंजूरी मौजूदा दिशा-निर्देश आ शर्तन के पालन के अधीन बा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेननिथाला कहले बाड़न कि ई कंपनी के अनुमति बिना टेंडर के दिहल गइल बा। ऊ 1991 के एक आदेश के जिक्र कइले बाड़न, जवना में कहल गइल बा कि राज्य में कवनो नया शराब फैक्ट्री के लाइसेंस ना दिहल जाव।

कांग्रेस के आरोप

चेननिथाला कहले बाड़न कि राज्य सरकार नियम आ प्रक्रिया के पालन ना कइले बिया। “1991 के आदेश अबहियों पेंडिंग बा। ई आदेश साफ-साफ बतावेला कि केरल में अउरी कवनो डिस्टिलरी के लाइसेंस ना दिहल जाव। हम समझत नइखी कि सरकार कइसे ई फैक्ट्री के principal approval दिहलस।” ऊ ई भी कहले बाड़न कि कंपनी पर कई आरोप बा आ ई दिल्ली के शराब मामले में शामिल बा।

सरकार के प्रतिक्रिया

कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करत राज्य के आबकारी मंत्री एम बी राजेश कहले बाड़न कि कंपनी के अनुमति कानून आ नियम के अनुसार दिहल गइल बा। “विपक्ष हर विकास परियोजना के विरोध करेला। ऊ सब राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास, GAIL पाइपलाइन काम, K-Rail, वॉटर मेट्रो आ विजिनजाम पोर्ट के भी विरोध कइले बाड़न। ऊ सब के बस विरोध करे के काम बा। हम सब कुछ स्पष्ट करब आ सब सवाल के जवाब देब,” मंत्री कहले बाड़न।

भोजपुरी संदर्भ आ संस्कृति

केरल के ई मामला ना केवल राजनीतिक बवाल के रूप में देखल जा रहल बा, बल्कि ई भोजपुरिया पाठकन खातिर एक नया कहानी के रूप में भी निकल के आइल बा। जब बात शराब के होखेला, त समाज में हमेशा से एक अलग दृष्टिकोण रहल बा। भोजपुरिया समाज में शराब के सेवन आ ओकरा के लेके अलग-अलग राय बाड़ी स। एही कारण से ई मामला भोजपुरिया पाठकन के दिलचस्पी के खींचत बा।

FAQs

1. ई कंपनी के लाइसेंस कइसे मिलल?

जवाब: ई कंपनी के लाइसेंस राज्य सरकार के कैबिनेट के मंजूरी से मिलल बा, जे नियम आ दिशा-निर्देश के अनुसार बा।

2. कांग्रेस के आरोप का बा?

जवाब: कांग्रेस आरोप लगावत बिया कि ई कंपनी दिल्ली शराब नीति मामला में शामिल बा आ बिना टेंडर के लाइसेंस दिहल गइल बा।

3. 1991 के आदेश का कहता?

जवाब: 1991 के आदेश में कहल गइल बा कि केरल में अउरी कवनो डिस्टिलरी के लाइसेंस ना दिहल जाव।

4. राज्य सरकार के प्रतिक्रिया का बा?

जवाब: राज्य सरकार कहत बिया कि ऊ सब नियम आ प्रक्रिया के पालन कइले बिया आ विकास परियोजनन के विरोध ना करल जाव।

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