चुनाव आयोग के नया नियम पर बवाल
पंजाब आ हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग (ECI) के ओर से नया नियम बनावल गइल बा। ई आदेश में कहा गइल रहल कि चुनाव आयोग के एक खास बूथ के वीडियो आ सीसीटीवी फुटेज के जानकारी देवे के पड़ी। पर चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी कहत बाड़न कि उम्मीदवार के पहिले से ही सब दस्तावेज आ कागजात के पहुँच बा आ नियम में कवनो बदलाव नइखे भइल।
नया नियम के कारण आ विवाद
20 दिसंबर के एक नोटिफिकेशन जारी कइल गइल बा, जवन 1961 के चुनाव आचार संहिता के नियम 93(2)(a) में बदलाव करत बा। पहिले ई नियम कहल गइल रहे कि “चुनाव से जुड़ल बाकी सब कागजात सार्वजनिक निरीक्षण के लिए खुला होई।” अब बदल के कहल गइल बा कि “ई नियम के तहत निर्धारित बाकी सब कागजात सार्वजनिक निरीक्षण के लिए खुला होई।”
चुनाव आयोग के सूत्र बतावत बाड़न कि ई बदलाव सीसीटीवी फुटेज के दुरुपयोग से रोकल खातिर कइल गइल बा। एक अधिकारी कहले कि हाई कोर्ट के आदेश के चलते दस्तावेज साझा कइल जाई, लेकिन सीसीटीवी फुटेज के मामला अलग बा।
सुरक्षा आ गोपनीयता के मुद्दा
अधिकारी बतावत बाड़न कि सीसीटीवी फुटेज साझा कइल जा सकेला, लेकिन ई गोपनीयता के उल्लंघन कर सकेला। खासकर जम्मू-कश्मीर आ नक्सल प्रभावित इलाकन में जहां वोटर के सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बा। अगर ई फुटेज सार्वजनिक हो जाई, त वोटर के जान पर संकट आ सकेला।
कांग्रेस के प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ई निर्णय के कड़ा विरोध कइले बिया। पार्टी के नेता जयराम रमेश कहले कि चुनाव आयोग के ई कदम पारदर्शिता के खिलाफ बा। उनकर कहना बा कि “सूरज की रोशनी सबसे अच्छा कीटाणुनाशक ह, आ जानकारी से प्रक्रिया में विश्वास वापस आ सकेला।” कांग्रेस ई निर्णय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ल चाहत बिया।
FAQs
ई नया नियम का बारे में का ह?
नया नियम सीसीटीवी फुटेज के दुरुपयोग से रोकल खातिर बनावल गइल बा।
चुनाव आयोग के ई नियम में बदलाव काहे भइल?
ई बदलाव हाई कोर्ट के आदेश के पालन करे आ गोपनीयता के सुरक्षा खातिर कइल गइल बा।
कांग्रेस के प्रतिक्रिया का ह?
कांग्रेस ई निर्णय के पारदर्शिता के खिलाफ मानत बिया आ कानूनी चुनौती देवे के योजना बना रहल बिया।
क्या चुनावी दस्तावेज अब भी सार्वजनिक होइहें?
हां, बाकी सब चुनावी दस्तावेज आ कागजात सार्वजनिक निरीक्षण खातिर खुलल रहिहें, बस सीसीटीवी फुटेज के मामला अलग बा।