फ्रांस के नया प्रधानमंत्री: फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के नवा कदम
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों आज फ्रैंकोइस बैरू के प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त कइले बाड़न, ई एक हफ्ता से कुछ जादे समय पहिले जब पहिलका प्रधानमंत्री के अविश्वास मत से हटावल गइल। बैरू एक सेंटरिस्ट हउवें आ डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेता बाड़न, जे मैक्रों के रिनेसां पार्टी के साथ गठबंधन में बाड़न। ऊ फ्रांस के ए साल के चौथा प्रधानमंत्री बनलन।
मैक्रों के रणनीति में बदलाव
बैरू के नियुक्ति मैक्रों के दुसरका कोशिश ह, जवना से ऊ अपना फैसला के परिणाम के संभाल सकेलन, जेकरा तहत ऊ जून में जल्दी चुनाव के आह्वान कइले रहले। ई चुनाव के बाद संसद में कोई बहुमत गठबंधन ना बचल, आ देश अब बजट संकट के ओर बढ़त जा रहल बा। पहिले मैक्रों प्रयास कइले रहले कि सेंटर-राइट के संतुष्ट कइल जाव, आ ओह खातिर ऊ मिचेल बार्नियर के नियुक्त कइले रहले। लेकिन ई रणनीति बाईं ओर के गठबंधन के नाराज कइले, जे चुनाव में सबसे आगे रहल, आ एकर परिणामस्वरूप बार्नियर के मरीन ले पेन के अतिवादी नेशनल रैली के अधीन होखे के मजबूरी भइल।
नवा रणनीति: सेंटर के थामल
अब, मैक्रों एक अलग रणनीति पर चल गइल बाड़न: सेंटर के थामे के। उनका आशा बा कि बैरू, जे एक जानल-मानल लेकिन जरूरी ना कि पसंदीदा सेंटरिस्ट हउवें, हरित पार्टी आ सोशलिस्ट पार्टी के सेंटर-केंद्रित धारा के बीच एगो पुल बन सकीला। ई दू गो पार्टी हाल ही में नया सरकार के साथ काम करे के प्रति कुछ खुलापन दिखवले बाड़ी स। लेकिन समस्या ई बा कि हरित आ सोशलिस्ट पार्टी वर्तमान में अतिवादी फ्रांस अनबॉउड के साथ एक संसदीय ब्लॉक में बाड़ी स, जे पहले से ही बैरू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लावे के कसम खा चुकल बाड़ी स।
निष्कर्ष
फ्रांस में राजनीतिक हालात अब बहुत जटिल हो गइल बाड़न। मैक्रों के नवा कदम आ बैरू के नियुक्ति से परिस्थिति के सुधार के उम्मीद बा, लेकिन अगिला चुनाव आ संसद में हो रहल गतिरोध के चलते ई राह आसान ना होई। देखल जाई कि ई नया सरकार का तरह के चुनौती के सामना करी आ कइसे देश के संकट के समाधान खोजी।
FAQs
फ्रांस के नया प्रधानमंत्री के नाम का ह?
फ्रांस के नया प्रधानमंत्री के नाम फ्रैंकोइस बैरू ह।
मैक्रों काहे बैरू के पीएम बनवले?
मैक्रों बैरू के पीएम बनवले ताकि ऊ सेंटर के थाम सकें आ राजनीतिक संकट के समाधान खोज सकें।
कइसन स्थिति बा संसद में?
संसद में कोई बहुमत गठबंधन ना बा, आ कई पार्टी एक-दूसरा के खिलाफ बाड़ी स।
कइसन चुनौती सामने बाड़ी स?
बैरू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ राजनीतिक असहमति के चलते स्थिति चुनौतीपूर्ण बा।