बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश
अक्षय शिंदे के माता-पिता के मदद के निर्देश
बॉम्बे हाई कोर्ट, बृहस्पतिवार के, राज्य सरकार के आदेश दिहलस कि ऊ अक्षय शिंदे के माता-पिता के आश्रय आ रोजगार के व्यवस्था करीं, संभवतः एनजीओ के माध्यम से। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे आ पृथ्वीराज चव्हाण के बेंच ई सुनवाई करत रहलन। ई मामला खुद से उठावल गइल रहल, जब कोर्ट अगस्त में बद्लापुर पुलिस के लापरवाही के चलते जनता के उबाल देखलस।
परिवार के स्थिति
अक्षय शिंदे के परिवार मैनुअल स्कैवेन्जर के काम करत रहल, एहसे कोर्ट अपना वकील अमित कटारनवारे के कहलस कि ऊ अपने अच्छा सामाजिक संबंधन के इस्तेमाल कर के उनकरा के इज्जतदार नौकरी दिलवावे। बेंच साफ कहले कि अक्षय शिंदे के माता-पिता के अपने बेटे के आरोपन खातिर अउरी सजा ना मिलल चाही।
सुनवाई के दौरान, अक्षय शिंदे के माता-पिता कोर्ट में उपस्थित रहलन आ बेंच हर ओह लोग के कोर्ट से बाहर जाए के आदेश दिहलस जेकरा के मामला से कोई लेना-देना ना रहल। बेंच नोट कइलस कि जबकि राज्य कहत रहल कि शिंदे परिवार के पुलिस सुरक्षा के जरूरत ना बा, परिवार कहले कि ऊ पहिले जीवन के खतरा के सामना कइले बा लोग, काहेंकि यौन हमला के मामला के चलते आ जन उबाल के कारण। हालांकि, अब ई खतरा कम हो गइल बा। परिवार बतवले कि उनकर घर के ताला तोड़ल गइल रहल आ सरकार सुरक्षा प्रदान कइले बिया।
परिवार के प्रवासन
बेंच के पता चलल कि परिवार, ई खतरा के चलते, बद्लापुर से बाहर आके कल्याण में रह रहल बिया। बेंच पूछलस कि घर के सुरक्षा के कइसन मतलब बा, जब परिवार के सुरक्षा ना मिल रहल बा। बेंच राज्य से कहलस कि सुरक्षा ए तरह के होखे के चाही कि परिवार के आजीविका पर असर ना पड़े।
यौन हमला के मामला
ई यौन हमला के मामला गंभीर आरोपन से भरा बा। अक्षय शिंदे पर आरोप बा कि ऊ दू गो नाबालिग के स्कूल के टॉयलेट में यौन हमला कइले। बद्लापुर में पुलिस के मामला के संभाल के तरीका के चलते एक बड़ा प्रदर्शन भइल। शिंदे के गिरफ्तारी के बाद आ सितंबर में पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद, उनकर माता-पिता फुटपाथ पर आ बस स्टॉप पर जीय के मजबूर हो गइले।
FAQs
1. अक्षय शिंदे के माता-पिता के सुरक्षा काहे जरूरी बा?
अक्षय शिंदे के माता-पिता के सुरक्षा जरूरी बा काहेंकि उनकरा के पहिले जीवन के खतरा मिल चुकल बा।
2. कोर्ट का कहले कि माता-पिता के नौकरी मिले के चाही?
कोर्ट कहले कि माता-पिता के इज्जतदार नौकरी मिले के चाही ताकि ऊ मैनुअल स्कैवेन्जर के काम ना करीं।
3. परिवार अब कहाँ रह रहल बा?
परिवार अब बद्लापुर से बाहर आके कल्याण में रह रहल बा।
4. अदालत का कइलस जवन सरकार से?
अदालत सरकार से नागरिक सुरक्षा आ सम्मानजनक रोजगार के व्यवस्था करे के आदेश दिहलस।