गिरिराज सिंह के बयान: बांग्लादेशी आ रोहिंग्या डिलिवरी एजेंट के रूप में काम कर रहल बाड़न
गिरिराज सिंह, भारत के संघीय मंत्री, शनिचर के दिन एक विवादास्पद बयान दिहलन। उ दावा कइलन कि बांग्लादेशी नागरिक आ रोहिंग्या लोग आइसन डिलिवरी एजेंट के रूप में काम कर रहल बाड़न, जे खाना डिलिवरी आ ऑनलाइन खरीदारी के प्लेटफार्म पर काम करत बाड़न। उ कहलन कि एह लोग के पहचान करे के जरूरत बा।
हैदराबाद में दिहलन बयान
सिंह ई बयान हैदराबाद में NIFT के दीक्षांत समारोह के दौरान दिहलन। उ कहले, “जवन सेवा क्षेत्र बा, जइसे कि ज़ोमैटो, स्विग्गी आ फ्लिपकार्ट, ओहिजा डिलिवरी करे वाला लोग बांग्लादेशी आ रोहिंग्या हईं। एह लोग के पहचान कइल जाव आ पुलिस के सौंप दिहल जाव।”
योगी आदित्यनाथ के समर्थन
गिरिराज सिंह योगी आदित्यनाथ के बातन के भी समर्थन कइलन, जवन समभाल आ बांग्लादेश के बीच समानता के संकेत कइले रहलन। आदित्यनाथ कहले रहलन कि 500 साल पहिले बाबर के एक कमांडर के कृत्य आ आज के बांग्लादेश में हो रहल घटना में समानता बा। उ आगाह कइलन कि पड़ोसी देशन के दुश्मनी के प्रति सावधान रहना जरूरी बा।
ओवैसी पर कटाक्ष
सिंह ओहिजा AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर भी तंज कइलन। उ कहले, “भारत के पाकिस्तान में विभाजन भइल। ओहिजा हिंदू लोग के समाप्त कइल गइल। आज बांग्लादेश में ओही तरह के घटना घटित हो रहल बा। जिन्ना के डीएनए पाकिस्तान में रहल आ बांग्लादेश में भी। ओवैसी में भी जिन्ना के गुण समाहित बा।”
सांस्कृतिक संदर्भ आ जुड़ाव
भोजपुरी संस्कृति में, एहन बातन के असर काफी गहरा होला। लोग के आपसी भाईचारा आ शांति के महत्व समझावे के जरूरत बा। राजनीतिक बयानों के जगह पर समाज में समरसता आ एकता के बात करे के जरूरत बा। एह से ना केवल हमार संस्कृति के रक्षा होई, बल्कि हमनी के समाज में प्रेम आ भाईचारा भी बढ़ी।
FAQs
गिरिराज सिंह के बयान के मतलब का ह?
गिरिराज सिंह कहले बाड़न कि बांग्लादेशी आ रोहिंग्या लोग डिलिवरी एजेंट के रूप में काम कर रहल बाड़न, आ एह लोग के पहचान करे के जरूरत बा।
योगी आदित्यनाथ के बयान पर कवनो प्रतिक्रिया भइल बा?
हाँ, गिरिराज सिंह आदित्यनाथ के बयान के समर्थन कइलन आ कहलन कि ई बात सही बा।
ओवैसी पर गिरिराज सिंह के टिप्पणी का बा?
गिरिराज सिंह ओवैसी के बारे में कहलन कि ओह में जिन्ना के गुण समाहित बा, जवन विवादास्पद बा।
एह बयानों के सांस्कृतिक प्रभाव का हो सकेला?
एह बयानों से समाज में विभाजन आ असहमति बढ़ सकेला, जबकि भाईचारा आ समरसता के बढ़ावा दिहल जरूरी बा।