भारतीय नौसेना के भव्य प्रदर्शनी
भारतीय नौसेना, 4 दिसंबर 2024 के, पुरी के नीला ध्वज समुद्र तट पर एक भव्य ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन प्रस्तुत करी। ई कार्यक्रम नौसेना दिवस के उत्सव के हिस्सा हवे। ए दिन के खासियत हवे ऑपरेशन ट्राईडेंट के सालगिरह, जे 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान एक महत्वपूर्ण नौसैनिक आक्रमण रहल।
मुख्य अतिथि आ आयोजनकर्ता
भारत के राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू, ई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होखिहें। ई कार्यक्रम के मेज़बानी एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, जोन के नौसेना प्रमुख बा, करीहें। ई प्रदर्शनी के मकसद हवे नौसेना के क्षमतन के उजागर करना आ भारत के समुद्री हितन के सुरक्षा के प्रति ओकर समर्पण के दिखाना।
प्रदर्शनी के विशेषताएं
ई प्रदर्शन में 15 से अधिक जहाज, पनडुब्बी, आ 40 से अधिक विमान शामिल होइहें। मरीन कमांडो (MARCOS) आ भारतीय सेना के जवान भी मदद करीहें। प्रमुख आकर्षण में MiG-29K आ Hawk लड़ाकू विमानों के हवाई करतब, MARCOS द्वारा युद्धाभ्यास, पनडुब्बी संचालन के प्रदर्शन, उभयचर लैंडिंग, आ युद्धपोत से रॉकेट फायरिंग शामिल बा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम आ सुरक्षा व्यवस्था
शाम में, पूर्वी नौसेना कमान के बैंड पारंपरिक बीटिंग रिट्रीट समारोह प्रस्तुत करी। इसके बाद एक सटीक ड्रिल आ ड्रोन आ लेजर शो भी होई। जनता के सुगम पहुँच खातिर, नौसेना आ ओडिशा के राज्य सरकार विस्तृत व्यवस्था तैयार कइले बा। ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कइल जाई आ पार्किंग के जगह भी निर्धारित कइल गइल बा।
भ्रमणार्थियन से साफ-सफाई के ध्यान रखे के अनुरोध कइल गइल बा, ताकि नीला ध्वज समुद्र तट पर कोई खतरा ना होखे। ड्रोन, पतंग, आ अइसन समान के उड़ाना सुरक्षा कारण से पूरी तरह से मना कइल गइल बा। प्रदर्शनी के रिहर्सल, जिसमें नौसेना के विमानों के उड़ान शामिल बा, पुरी में चल रहल बा।
ओडिशा के समुद्री इतिहास के महत्व
ई आयोजन ओडिशा के समृद्ध समुद्री इतिहास पर ध्यान देवे के भी कोशिश करी। ई राज्य प्राचीन आ आधुनिक समय में एक महत्वपूर्ण तटीय राज्य के रूप में उभरल बा।
FAQs
ई कार्यक्रम कब होई?
ई कार्यक्रम 4 दिसंबर 2024 के होई।
मुख्य अतिथि के कौन हईं?
भारत के राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू, मुख्य अतिथि होईं।
प्रदर्शनी में का-का शामिल रही?
प्रदर्शनी में 15 से अधिक जहाज, पनडुब्बी आ 40 से अधिक विमान शामिल होई।
सुरक्षा खातिर का व्यवस्था बा?
ड्रोन आ पतंग उड़ावे पर प्रतिबंध बा, आ पार्किंग आ ट्रैफिक व्यवस्था के ध्यान रखल जाई।
ओडिशा के समुद्री इतिहास पर काहें जोर दिहल जात बा?
ई आयोजन ओडिशा के समृद्ध समुद्री इतिहास के महत्व के उजागर करे खातिर बा।