महम्मद रफी के 100वीं जयंती पर खास बातें
आज महम्मद रफी के 100वीं जयंती पर, फिल्मफेयर के आर्काइव्स के टीम ने रफी के करियर से जुड़ल कुछ अनसुने कहानियाँ आ तथ्य लियवले बाड़ी। हम पाठकन से चुनौती देत बानी। अगर आप इन में से 3 से ज्यादा तथ्य जानत बानी, तब हम रउआ के सच्चा महम्मद रफी फैन मानब। चलऽ, एक एहन गायक से मिलल जाव जे हिंदी फिल्म संगीत के राज कइले रहले।
तथ्य 1
महम्मद रफी कहले बाड़न कि उनकर जीवन के पहिला गाना पंजाबी फिल्म “गुल बलोच” (1944) में ज़ीनत बेगम के साथ गावल “सोनिये नी हीरिये नी” रहल। ई गाना श्याम सुंदर के संगीत में रहल। हिंदी फिल्म के पहिला गाना रफी खुद “अजी दिल हो काबू में तो दिलदार की ऐसी तैसी” बतावत बाड़न, जवन फिल्म “विलेज गर्ल” (1945) के रहल। लेकिन उनका पहिला हिंदी गाना शायद 1944 में “पहले आप” में रहल।
तथ्य 2
रफी के याददाश्त “विलेज गर्ल” के गाना के कारण मजबूत हो सकत बा, काहेकि उहां उनका सामने जीएम दुर्रानी रहलन। शुरू में रफी के नौशाद के पसंद के गायक नईखे मानल जात। असल में, 1950 के बाद रफी नौशाद के आवाज बनलन।
तथ्य 3
1946 में आई फिल्म “अनमोल घड़ी” के साथ-साथ “शाहजहाँ” सेहो यादगार रहल। एह फिल्म में नॉशाद के संग केएल सागर के साथ गाउन के मौका मिलल। “रूही रूही रूही मेरे सपनों की रानी” गाना रफी आ केएल सागर के संग रहल। रफी के अद्भुत आवाज आ रेंज के चलते उ हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े गायक माने जालन।
तथ्य 4
रफी के नौशाद के संग पहिला बड़ा ब्रेक “चाँदनी रात” (1949) में मिलल, जवन में उनकर तीन यादगार युगल गीत आ एक सोलो रहल। “कैसे बजे दिल का सितार”, “छिन के दिल क्यूं फेर लीं आंखें” आ “खबर क्या थी कि ग़म खाना पड़ेगा” एह फिल्म के गाना ह।
तथ्य 5
नौशाद के “दिल्लगी” (1949) के डिस्क-रिकॉर्ड “चाँदनी रात” के संग-संग रिलीज भइल। एह फिल्म में रफी के दो सोलो गाना रहल, लेकिन श्याम कुमार के संग युगल गीत गइल। बाद में “दुलारी” में नॉशाद रफी आ लता के मुख्य गायक बनावलन।
तथ्य 6
रफी के सबसे बड़ा मौका “बैजू बावरा” में मिलल। लेकिन फिरोज निजामी रफी के पहिला मौका देलन। उनकर सबसे पहिला गाना “जुगनू” में रहल जहाँ उनकर आवाज के पहचान भइल।
तथ्य 7
रफी भी कुछ समय खातिर सिंगिंग-स्टार बने के सोचले रहले। “लैला मजनू” (1945) में उ खुद स्क्रीन पर नजर आइलन। एह गाना में रफी के आवाज सबके मन में बस गइल।
तथ्य 8
रफी के आवाज के पहचान फुकलाल भगत राम के संग “मीना बाजार” (1950) में मिलल। एह फिल्म में रफी के आवाज 12 में से 10 गाना में शामिल रहल।
तथ्य 9
SD बर्मन रफी के सबसे बड़ा गायक मानत रहले। “गाइड” फिल्म में रफी के गाना बहुत यादगार रहल। रफी के साथ उनकर पहिला गाना “दो भाई” (1947) में भइल।
तथ्य 10
रफी के आवाज “नदिया के पार” (1948) में सुनल गइल, हालांकि शुरुआत में नॉशाद मुकेश के आवाज पसंद कइले रहले।
FAQs
महम्मद रफी के जन्म कब भइल?
महम्मद रफी के जन्म 24 दिसंबर 1924 के भइल।
उहाँ के पहिला गाना कौन सा रहल?
उहाँ के पहिला गाना “सोनिये नी हीरिये नी” रहल।
रफी के सबसे प्रसिद्ध गाना कौन-कौन सा बा?
रफी के “क्या से क्या हो गया”, “तेरे मेरे सपने”, आ “गाता रहे मेरा दिल” बहुत प्रसिद्ध गाना बा।
रफी के संग कौन-कौन गायक गावलन?
रफी के संग लता मंगेशकर, किशोर कुमार, आ सुरैया गावलन।
कवन फिल्म में रफी के आवाज सबसे पहिले सुनाई दी?
रफी के आवाज सबसे पहिले “गुल बलोच” फिल्म में सुनाई दी।