सरकार के दखल के खिलाफ मुस्लिम संगठन के प्रदर्शन
दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम संगठन लोग सरकार के दखल के खिलाफ बैठल बाड़ें। एह प्रदर्शन में भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावन भी शामिल भइलें, जवन अपना समर्थन के इशारा कइलें। जब प्रदर्शनकारी लोग के नारों के गर्मी बढ़ल, त रावन ‘जय भीम-जय भीम’ के नारा लगावलन। एह अचानक दखल से आसपास के लोग उहां रावन के कहे लगलें कि उनकर राजनीति के खेला के जरूरत ना रहल। चंद्रशेखर रावन कोशिश कइलन कि ऊ अपना बात पर टिकल रहस, लेकिन ऊ कोशिश बेकार हो गइल। अब देखल जाव कि भीम आर्मी एह घटना से कइसन सबक सीखलस।
सardar Patel के विचार
सardar Patel के एक बात याद आ रहल बा। ऊ कहले रहन कि जब मुस्लिम समुदाय एतना सशक्त होखे कि वो लोग विभाजन के स्थिति पैदा कर सके, त उ लोग के कमजोर या वंचित समुदाय के रूप में काहें देखा जाव। ई सवाल उठाला कि राज्य से उनकरा खातिर अल्पसंख्यक अधिकार के प्रावधान के कइसन जरूरत बा।
सardar Patel के जीवन यात्रा
सardar Patel के जिंदगानी ‘राष्ट्र प्रथम’ के सोच से जुड़ल रहल। ऊ 31 अक्टूबर 1875 के गुजरात के नडियाद में जनमलन। स्कूल के पढ़ाई खतम करे के बाद, ऊ लंदन के मिडिल टेम्पल से कानून के डिग्री प्राप्त कइलन आ एक सफल बैरिस्टर बनलन। हालांकि, उनकर राजनीति में ज्यादा रुचि रहल, आ ऊ कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य बन गइलन।
1946 में, जब 15 कांग्रेस समिति में से 12 समिति उनकर अध्यक्ष बनावे के चाहत रहली, त नेहरू ऊ पद पर काम करे से मना कइलन। एही पर, गांधीजी के कहला पर सardar Patel अपना नाम वापस ले लिहलन।
ब्रिटिश के विदाई आ रियासत के विलय
ब्रिटिश के विदाई के समय, रियासत के पास दू विकल्प रहल—या त पाकिस्तान में विलय होखीं या भारत में। लेकिन, सर्दार पटेल, जे उप-प्रधानमंत्री आ गृह मंत्री के पद पर रहलन, छोट-छोट 554 रियासत के मजबूती से भारत में विलय करावलन। ऊ विस्थापित हिंदू शरणार्थी के पुनर्वास के जिम्मेदारी भी उठवलन।
जुनागढ़ के हाथ से बचावे खातिर, ऊ हैदराबाद के निझाम के खिलाफ फौजी कार्रवाई कइलन, जबकि नेहरू उनकरा के खुद निर्णय लेवे के मौका देवे के चाहत रहलन। जम्मू-कश्मीर के मामला भी नेहरू के समय में जटिल हो गइल, जवन सर्दार पटेल के हाथ में ना रहल।
लेखक के जीवनी:
लेखक के खुद के विचार व्यक्त कइल गइल बा। विश्व हिंदू समाचार एह लेख में दीहल जानकारी के सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता या वैधता के जिम्मेदारी ना लेवे। सब जानकारी एही रूप में उपलब्ध बा।
FAQs
प्रश्न: जंतर-मंतर पर का हो रहल बा?
उत्तर: जंतर-मंतर पर मुस्लिम संगठन लोग सरकार के दखल के खिलाफ प्रदर्शन क रहल बाड़ें।
प्रश्न: चंद्रशेखर रावन काहे शामिल भइलन?
उत्तर: चंद्रशेखर रावन समर्थन प्रकट करे खातिर प्रदर्शन में शामिल भइलन।
प्रश्न: सardar Patel के नीति का रहल?
उत्तर: सardar Patel के नीति ‘राष्ट्र पहले’ के रही आ ऊ रियासत के मजबूती से भारत में विलय कइलन।