इसरो के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (SpaDeX) के सफल प्रक्षेपण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार के दिन अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (SpaDeX) के PSLV-C60 रॉकेट से श्रीहरिकोटा के पहले प्रक्षेपण पैड से सफलतापूर्वक लॉन्च कइल। प्रक्षेपण के समय, जेकरा शुरू में रात 9:58 बजे तय कइल गइल रहुवे, ओके 10 बजे पर फेर से निर्धारित कइल गइल, लेकिन देरी के कारण के बारे में कुछ ना बतावल गइल। ई प्रयोग में एक पालक काॅलस के अंतरिक्ष में भेजल जाई, ताकि पता चल सके कि पौधा माइक्रोग्रैविटी में कइसे व्यवहार करेला।
इसरो के सूचना अनुसार, मुख्य SpaDeX यान A आ B, PSLV-C60 से सफलतापूर्वक अलग हो गइल।
SpaDeX मिशन के उद्देश्य
ई मिशन, जेकरा के भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानल जाता, देश के काबिलियत के स्थापित करे के कोशिश कर रहल बा orbital docking, जे मानव अंतरिक्ष उड़ान, उपग्रह सेवा आ भविष्य के मिशन जइसे गगनयान कार्यक्रम आ भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन खातिर जरूरी बा।
उपग्रहन के डॉकिंग प्रक्रिया
ई मिशन में दू उपग्रह, SDX01 (चेजर) आ SDX02 (टारगेट), के डॉकिंग के प्रक्रिया शामिल बा, जेकरा के वजन लगभग 220 किलोग्राम बा, आ ई धरती से 470 किलोमीटर के ऊँचाई पर होई। ई उपग्रहन के शुरू में 5 किलोमीटर के दूरी पर रखल जाई, आ फिर 3 मीटर के दूरी पर लियाए के कोशिश कइल जाई, ताकि एक साथ मिल जाई। ई जटिल प्रक्रिया प्रक्षेपण के 10-14 दिन बाद प्रयास कइल जाई।
मिशन के विशेषता
केंद्रीय विज्ञान आ प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, “इसरो के साल के अंत के मिशन एक ऐतिहासिक होई काहेकि ई अंतरिक्ष में दू उपग्रहन के डॉकिंग के दुर्लभ उपलब्धि हासिल करी।” उनकरा अनुसार, ई मिशन खातिर स्वदेशी तकनीक “भारतीय डॉकिंग सिस्टम” कहल जाला।
उ मंत्री आगे बतवले कि “इसरो दू उपग्रहन के 28,800 किलोमीटर प्रति घंटा के गति पर डॉक करे के कोशिश करी, आ ओहनी के सापेक्ष गति के 0.036 किलोमीटर प्रति घंटा तक घटावे के प्रयास करी।” ई प्रयोग में डॉकिंग के बाद शक्ति हस्तांतरण आ अंडॉकिंग के बाद पेलोड के संचालन के मान्यकरण भी शामिल बा।
पहिला जैविक पेलोड
ई मिशन में अमिटी यूनिवर्सिटी, मुंबई द्वारा भेजल गइल पहिला जैविक पेलोड भी शामिल बा। डॉ. W. Selvamurthy, जवन कि पूर्व DRDO वैज्ञानिक आ अमिटी के विज्ञान आ नवाचार निदेशालय के निदेशक हईं, बतवले कि “ई प्रयोग में पालक काॅलस के अंतरिक्ष में भेजल जाई, ताकि पता चल सके कि पौधा माइक्रोग्रैविटी में कइसे बढ़ी आ ओकर फिजियोलॉजी पर का असर पड़ी।” ई शोध अंतरिक्ष में सब्जी के खेती में चुनौती के पहचान करे में मदद करी।
भविष्य के मिशन खातिर महत्व
अगर ई मिशन सफल हो जाला, त भारत अमेरिका, रूस आ चीन जइसन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो जाई, जे अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक में माहिर बाड़न। जितेंद्र सिंह बतवले कि “SpaDeX भारत के अंतरिक्ष यान डॉकिंग प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता के प्रदर्शित करी।” ई मिशन भविष्य के मिशन जइसे चंद्रयान-4 आ गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन खातिर बहुत महत्वपूर्ण बा, जे 2026 में तय कइल गइल बा।
FAQs
SpaDeX का ह?
SpaDeX एक अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग ह, जे इसरो द्वारा विकसित कइल गइल बा। ई मिशन में दू उपग्रहन के डॉकिंग के प्रक्रिया के परीक्षण कइल जाई।
ई मिशन के उद्देश्य का ह?
ई मिशन भारत के अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक में क्षमता के स्थापित कइल आ भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ान आ उपग्रह सेवा खातिर जरूरी तकनीक के विकास कइल ह।
कवन-कवन उपग्रह ई मिशन में शामिल बाड़न?
ई मिशन में दू उपग्रह, SDX01 (चेजर) आ SDX02 (टारगेट), शामिल बाड़न।
प्रक्षेपण कब कइल गइल?
प्रक्षेपण 30 दिसंबर 2024 के रात 10 बजे कइल गइल।
कइसे पता चली कि मिशन सफल भइल?
मिशन के सफल होखला पर उपग्रहन के डॉकिंग आ एक साथ मिल के काम करे के प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा कइल जाई।