PFAS: एक गंभीर समस्या
गुवाहाटी: PFAS (Per- and Polyfluoroalkyl Substances) एगो समूह हवे कृत्रिम रसायन के, जवन 1940 के दशक से उद्योग आ उपभोक्ता उत्पाद में इस्तेमाल हो रहल बाड़न। एह रसायनन के “फॉरएवर केमिकल” कहल जाला, काहेकि ई बहुत दिन तक नष्ट ना होखेला। ई पर्यावरण आ मानव शरीर में बहुत समय ले रह जाला।
PFAS के पहचान आ उपयोग
PFAS के उपयोग कई तरह के उत्पाद में कइल जाला, जइसे कि खाना पकावे के बर्तन, कपड़ा, आ फायरफाइटिंग फोम। ई रसायनन के खासियत बा कि ई पानी आ तेल से बचाव करेला। एह से ई उत्पाद के जीवनकाल बढ़ जाला, लेकिन एकर नकारात्मक प्रभाव भी बा।
पर्यावरण पर असर
PFAS के विशेषता के कारण, ई जल्दी से पर्यावरण में नष्ट ना होखेला। ई जमीन, पानी आ हवा में मिल जाला। जब ई रसायनन पानी में मिल जाला, त ई पीने के पानी में भी पहुँच जाला, जेकरा से मानव स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकत बा।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
PFAS के मानव स्वास्थ्य पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव हो सकेला। रिसर्च से पता चलल बा कि ई रसायनन कैंसर, थायरॉयड समस्या, आ इम्यून सिस्टम के कमजोर करे के कारण बन सकेला। एह से, ए केमिकल के प्रति जागरूकता बढ़ावल जरूरी बा।
भोजपुरिया संस्कृति आ PFAS
भोजपुरिया समाज में, खाना पकावे के बर्तन आ कपड़ा के चुनाव में सावधानी बरतल जाला। परंतु, PFAS के मौजूदगी से ई चीज़न के सेहत पर असर पड़ सकत बा। एह से, हमनी के चाहीं कि स्वच्छ आ सुरक्षित उत्पाद के चुनाव करीं आ ई रसायनन से दूर रहनी।
FAQs
PFAS का होला?
PFAS एगो कृत्रिम रसायन के समूह हवे, जवन पर्यावरण में स्थायी बा।
ई रसायन के असर का होला?
ई मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकेला, जइसे कैंसर आ थायरॉयड समस्या।
कइसे PFAS से बाचल जाव?
सुरक्षित आ स्वच्छ उत्पाद के चुनाव क के आ रासायनिक बर्तन के उपयोग से बाचल जा सकेला।
PFAS के पहचान कइसे करीं?
उत्पाद के लेबल पर देखीं, जेकरा पर PFAS के उल्लेख हो सकेला।
ई रसायन काहे “फॉरएवर केमिकल” कहल जाला?
काहेकि ई बहुत समय तक नष्ट ना होखेला आ पर्यावरण में रह जाला।
एह जानकारी के माध्यम से, हमनी के ई समझ में आ गइल कि PFAS के प्रति जागरूक रहना जरूरी बा, ताकि हमनी के स्वास्थ्य आ पर्यावरण दूनो के सुरक्षा हो सके।