नए प्रजाति के खोज: अरुणाचल प्रदेश आ नागालैंड के नदियन में अद्भुत खोज
गुवाहाटी: अरुणाचल प्रदेश आ नागालैंड के धुंधलका में लिपटल नदियन में वैज्ञानिकन के एक नया अध्याय के खोज भइल बा। नदियन के साफ-सुथरा पानी में एक नयी प्रजाति के मछरी, प्लैटिबाएटिस अरुणाचलेन्सिस, के खोज भइल बा। जबकि, प्लैटिबाएटिस उेनो, जे पहिले केवल नेपाल में जानल जाला, अब भारत के नागालैंड में भी मिलल बा।
वैज्ञानिकन के मेहनत
ई शोध, भारतीय जन्तुविज्ञान सर्वेक्षण (ZSI) के वैज्ञानिकन के एक टीम द्वारा कइल गइल, आ एक प्रतिष्ठित जर्नल, ज़ूटैक्सा में प्रकाशित भइल। ई खोज ना केवल उत्तर-पूर्व भारत के पारिस्थितिकी के समृद्धि के दर्शावेला, बलुक एक वैश्विक जैव विविधता के हॉटस्पॉट के संभावना के भी उजागर करेला।
जैव विविधता के महत्त्व
उत्तरी-पूर्व भारत, जहाँ के नदियन आ पहाड़न में अनेक प्रजातियन के बसेरा बा, एक अद्भुत जैव विविधता के केंद्र बन चुकल बा। वैज्ञानिकन के ई खोज से पता चलल बा कि इ क्षेत्र में आओर कई अनजान प्रजातियन के मौजूदगी हो सकेला।
भोजपुरी संस्कृति आ पर्यावरण के जुड़ाव
हमरा भोजपुरिया संस्कृति में नदियन आ जलस्रोत के बड़का महत्त्व बा। एही नदियन में मछरी आ अन्य जीव-जंतु के जीवन के कहानी जियादा रोचक बनावेला। ई खोज से ना केवल पर्यावरण के रक्षा के महत्त्व समझ में आइल, बलुक हमनी के परंपरा आ संस्कृति के भी सम्मान बढ़ल बा।
निष्कर्ष
ई खोज बतावेला कि हमनी के पर्यावरण के सुरक्षा खातिर कइसे जागरूक होके काम करे के पड़ी। अरुणाचल आ नागालैंड के जैव विविधता के संरक्षण से ना केवल हमनी के धरती के सुरक्षा होई, बलुक ई हमरा संस्कृति आ पहचान के भी बनवले रखी।
FAQs
1. प्लैटिबाएटिस अरुणाचलेन्सिस का ह?
ई एक नयी प्रजाति के मछरी ह, जे अरुणाचल प्रदेश के नदियन में खोजल गइल बा।
2. प्लैटिबाएटिस उेनो के पहिले कहाँ पावल गइल रहे?
ई प्रजाति पहिले केवल नेपाल में जानल जाला।
3. ई खोज के महत्व का बा?
ई खोज उत्तर-पूर्व भारत के जैव विविधता के समृद्धि आ संरक्षण के महत्व के दर्शावेला।
4. वैज्ञानिकन के टीम के नेतृत्व के कइल?
ई शोध भारतीय जन्तुविज्ञान सर्वेक्षण (ZSI) के वैज्ञानिकन के एक टीम द्वारा कइल गइल।
5. उत्तर-पूर्व भारत के जैव विविधता के संरक्षण कइसे हो सकेला?
सुरक्षा आ संरक्षण के खातिर जागरूकता बढ़ावे के जरूरत बा, ताकि हमनी के पर्यावरण के रक्षा क सकी।