गुरू के करप्शन आ अन्याय
केहू कहता: “एक विचार के करप्शन का अन्याय में गिनल जाला?” शायद ई ना होखे खूनखराबा, ना ही कच्चा आ खौफनाक मौत। बल्कि, ई त सांस्कृतिक याद के एक यातना भरा मजाक ह। एक चिंगारी चुराइल जाला ताकि फेक लकड़ी के मशाल जल सके।
सफलता के चकाचौंध में गुरू के मतलब
लेकिन का “सुंदरता गुरू” आ “बिजनेस गुरू” के गाना गावल बेकार ह? ओह लोग खातिर, जे जल्दी धन बटोरत बा आ इंस्टाग्राम के फिल्टर के कला में माहिर बाड़न? आखिर, ई त बस एक शब्द ह!
मोर दोस्त, तोहरा बोल के शक्ति के कदर ना समझ में आइल। ई त बड़का विडंबना ह कि ओह लोगन के टाईटल, जे सतही चीज़न के नकार के मानव आत्मा के स्वीकार करेला, चिपक जाला, जइसे पुरान, चिपचिपा गोंद, चमकदार आ खोखला ट्रॉफियन पर।
गुरू के असली परिभाषा
एक पुरान कहावत बा: “सबके पहिला गुरू उनकर माई ह।” ई त बिलबोर्ड पर ना चमकेला, बलुक दिल में याद कइल जाला, संजोइल जाला। एगो मौखिक विरासत, जे समय आ सागर के पार गइल।
मोर दादी, जे बस छठी कक्षा तक पढ़ल रहली, उ उहाँ मम्मी के मास्टर डिग्री लेवे खातिर प्रेरित कइली। उ खुद में एक गुरू बाड़ी। मोर मम्मी मुझके दयालुता आ विनम्रता सिखवली, आ कैसे एक आत्मविश्वासी आ मजबूत औरत बने के। उ भी एक गुरू बाड़ी।
मोर नृत्य शिक्षक मुझके कला में ढाल के मोल्ड कइले। उ भी एक गुरू बाड़ी। देवी, ultimate नारीत्व, सब माई आ उनकर बच्चा लोग में शक्ति के प्रतीक, उ भी मोर गुरू बाड़ी।
गुरू के विरासत के अन्याय
एह सब बात के सुन के, का ई अन्याय ना ह कि एह सुंदर विरासत के आत्मा के नकारल जाला? गुरू के मतलब ह “जे अज्ञानता के दूर करे,” आ ई सब जनना बाड़न कि असली गुरू के पहचान आ कदर होखल जरूरी बा।
FAQs
गुरू के का मतलब होला?
गुरू के मतलब होला “जे अज्ञानता के दूर करे,” आ ई त हर वो लोग हो सकेला, जे हमनी के सही रास्ता दिखावेला।
काहे “सुंदरता गुरू” आ “बिजनेस गुरू” के शब्द इस्तेमाल हो रहल बा?
ई शब्द अक्सर superficial चीज़न के प्रशंसा खातिर इस्तेमाल होला, जवन असली गुरू के परिभाषा के उलट बा।
गुरू के कदर कइसे कइल जाव?
गुरू के कदर उनकर शिक्षाएं आ प्रेरणा के माध्यम से कइल जा सकेला, जे हमनी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लावेला।
कौन-कौन लोग गुरू हो सकेला?
गुरू हर वो लोग हो सकेला, जे हमनी के ज्ञान, प्रेरणा आ सही रास्ता देखावेला, जइसे माई, बाप, शिक्षक आ अन्य बड़े लोग।
कइसन गुरू के चाहीं?
सच्चा गुरू वो होखे के चाही, जे superficial चीज़न के छोड़ के मानवता आ आत्मा के कदर करे।