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ट्रिपुरा युग कैलेंडर: काहे बनल conspiracy के विषय?

ट्रिपुरा कैलेंडर आ नयका साल के विवाद

जनवरी के आगमन नयका साल के संकेत देला, आ एकरा साथे कई गो सजावटी सामान हमनी के डेस्क पर सज जाला, खासकर कैलेंडर आ प्लानर। लेकिन ट्रिपुरा में, नयका साल के आगमन के साथे एक विवाद भी उभड़ आइल बा, आ ई विवाद के केंद्र में बाड़ी ट्रिपुरा युग कैलेंडर।

ट्रिपुरा युग कैलेंडर के इतिहास

1991 में अपनावल गइल ट्रिपुरा युग कैलेंडर अब राज्य के आदिवासी समाज में बडहन स्वीकार्यता पा चुकल बा। ई कैलेंडर के अनुसार, नयका साल 22 दिसंबर के मनावल जाला। एकर पावन रात, यानी 21 दिसंबर के, ट्रिंग उत्सव के रूप में धूमधाम से मनावल जाला।

ट्रिंग उत्सव के महत्त्व

ट्रिंग उत्सव के समय, लोग एक दोसरा के संग मिलके खुशियाँ बाँटे ला। ई समय पारिवारिक आ सामाजिक मेलजोल के बढ़ावा देला। लोग एक दोसरा के घर जाके मिठाई आ उपहार देला, आ एक साथे बैठ के गाना-बजाना करेला। ई उत्सव के दौरान, आदिवासी संस्कृति के रंग-रूप साफ नजर आइल जाला।

विवाद के कारण

हाल में, कुछ लोग ट्रिपुरा युग कैलेंडर के खिलाफ बयाना दे रहल बाड़न। उनकर कहना बा कि ई कैलेंडर के मान्यता आ महत्व के कम कइल जा रहल बा। इहे कारण बनल बा विवाद के, जवन अब समाज में बहस के विषय बन चुकल बा।

भोजपुरी संस्कृति आ कैलेंडर

भोजपुरी संस्कृति में कैलेंडर के खास महत्व बा। हर साल के खास तिथियन के आधार पर लोग अपनी परंपराएँ आ रीतिरिवाज के पालन करेला। ट्रिपुरा युग कैलेंडर भी एकर हिस्सा बा, जवन आदिवासी लोगन के पहचान आ संस्कृति के समर्पित बा।

समाज के भावना

ट्रिपुरा के लोगन के ई कैलेंडर के प्रति गहरी भावना बा। ओह लोगन के मानना बा कि ई कैलेंडर ना केवल उनकर पहचान के प्रतीक ह, बल्कि ई उनकर सांस्कृतिक विरासत के भी दर्शावेला। विवाद के बावजूद, बहुते लोग ई कैलेंडर के अपनावे आ मनावे के पक्ष में बाड़न।

FAQs

ट्रिपुरा युग कैलेंडर का ह?

ट्रिपुरा युग कैलेंडर एक विशेष कैलेंडर बा, जवन 1991 में अपनावल गइल आ ई 22 दिसंबर के नयका साल के शुरुआत के रूप में मानल जाला।

ट्रिंग उत्सव कब मनावल जाला?

ट्रिंग उत्सव 21 दिसंबर के रात के मनावल जाला, जेकरा बाद 22 दिसंबर के नयका साल के शुरुआत होखेला।

ई विवाद के कारण का ह?

किछ लोग ट्रिपुरा युग कैलेंडर के खिलाफ बयाना दे रहल बाड़न, आ उनकर कहना बा कि ई कैलेंडर के महत्व के कम कइल जा रहल बा।

ट्रिपुरा के लोग ई कैलेंडर के कइसे देखेला?

ट्रिपुरा के लोग ई कैलेंडर के अपने पहचान आ संस्कृति के प्रतीक मानेला, आ एकरा के अपनावे आ मनावे में गर्व महसूस करेला।

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