सुप्रीम कोर्ट के फैसला: सिमा रानी खाखा के जमानत ना मिली
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार के सिमा रानी खाखा, जो कि निलंबित दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय खाखा के पत्नी हईं, के जमानत के मांग के ठुकरा दिहलस। ई मामला एक नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न के आरोप पर आधारित बा। प्रेमोदय खाखा पर आरोप बा कि ऊ नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच कई बार एक लड़की के साथ बलात्कार कइलन। पुलिस के मुताबिक, ई लड़की प्रेमोदय के जानने वाला के बेटी हई।
सिमा रानी पर आरोप बा कि ऊ अपनी बेटी के गर्भपात करावे खातिर दवाई दिहलस। जमानत ना देवे के फैसला करत, न्यायालय के पीठ, जवन न्यायमूर्ति बीवी नागरथना के नेतृत्व में रहल, सिमा रानी खाखा के trial court में जमानत के मांग करे के आजादी दिहलस।
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसला
सिमा रानी खाखा दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत के मांग कइले रहलीं, जहाँ कोर्ट उनकर जमानत खारिज कइले रहला। कोर्ट के कहना रह कि ई मामला दू गो परिवार के बीच के भरोसा पर हमला करेला आ गवाह के साथ छेड़छाड़ के संभावना के नजरअंदाज ना कइल जा सकत। दंपती के गिरफ्तारी तब भइल जब पीड़िता अपना बयान अस्पताल में एक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कइली।
प्रेमोदय खाखा के भूमिका
प्रेमोदय खाखा, जवन महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक रहलन, पीड़िता के स्थानीय संरक्षक रहलन आ ऊ लड़की उनकरा के ‘मामा’ कहके बुलावे करेली। दिल्ली पुलिस उनकरा आ उनकर पत्नी पर यौन अपराध से बालकों के सुरक्षा अधिनियम (POCSO) के तहत FIR दर्ज कइले बा। सिमा रानी खाखा पर गर्भपात करावे के दवाई देवे के आरोप लागल बा।
आरोप के गंभीरता
पुलिस के अनुसार, IPC के धारा 506 (अपराधी धमकी), 323 (जानबूझ के चोट पहुँचावे), 313 (महिला के सहमति बिना गर्भपात करावे) आ 120B (अपराधी साजिश) के धाराएँ भी ई मामला में लगावल गइल बा।
अंत में
ई मामला ना केवल कानूनी दृष्टिकोण से गंभीर बा, बलुक ई समाज में भरोसा आ रिश्तेदारियों पर भी असर डालता। जब परिवार के लोग एक-दूसरा पर एहन गंभीर आरोप लगावत बाड़न, त ई समाज के लिए चिंता के विषय बन जाला।
FAQs
प्रेमोदय खाखा पर का आरोप बा?
प्रेमोदय खाखा पर एक नाबालिग लड़की के साथ कई बार बलात्कार के आरोप बा।
सिमा रानी खाखा के जमानत काहे ना मिलल?
सुप्रीम कोर्ट जमानत ना देले काहे कि मामला में गवाह के साथ छेड़छाड़ के संभावना बा।
ई मामला में कवन-कवन धारा लागल बा?
ई मामला में IPC के धारा 506, 323, 313 आ 120B के धाराएँ लागल बा।
सुप्रीम कोर्ट के का फैसला रहल?
सुप्रीम कोर्ट सिमा रानी खाखा के जमानत के मांग खारिज कइले आ trial court में जमानत के मांग करे के आजादी दिहलस।