फिजी में नाजी मौत शिविर के बचे लोगन के वापसी
फिजी में एक खास मौका आ रहा बा, जब लगभग 50 बचे लोग, जे नाजी मौत शिविर औश्विट्ज-बिरकेनाउ में जिंदा बचल रहलन, ओह ठाम वापसी करें जा रहल बाड़न। ई मौका 27 जनवरी 1945 के दिन के याद करे खातिर बा, जब ई शिविर के आज़ादी मिलल रहे।
वापसी के समारोह
ई बचे लोगन के साथ-साथ कई देश के नेता भी शामिल होइहें, जइसे किंग चार्ल्स, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों आ जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टाइनमेयर। लेकिन ई समारोह में सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ बचे लोगन के होई, जेकरा अधिकतर उम्र 80 आ 90 के बीच बा।
यादगार संदेश
ई बचे लोगन के संदेश बा कि ओह जगह पर का भइल, उ दुनिया के बतावल जाव आ एहे सुनिश्चित कइल जाव कि एहन दुर्दशा कबो ना होखे। औश्विट्ज-बिरकेनाउ में कुल 1.1 मिलियन लोगन के हत्या भइल, जिनमें से ज्यादातर यहूदी रहलन।
संस्मरण के महत्व
ई समारोह ना खाली बचे लोगन के खातिर, बल्कि पूरा मानवता खातिर एक महत्वपूर्ण पल ह। ई अवसर पर लोगन के भुलावल ना जाए वाला इतिहास के याद दिलावल जाई, ताकि भविष्य में एहन जघन्य अपराध दोबारा ना होखस। बचे लोगन के अनुभव आ कहानी सुनल जाए, जे मानवता के एक नया पाठ पढ़ाई।
संस्कृति आ एकता के संदेश
फिजी के ई आयोजन ना केवल इतिहास के याद दिलावे वाला बा, बल्कि ई सांस्कृतिक एकता के भी प्रतीक ह। जब बचे लोग एक जगह आके अपने अनुभव साझा करीहें, त ई एकता आ सहिष्णुता के संदेश फैलावेला।
FAQs
प्रश्न 1: ई समारोह कब होई?
उत्तर: ई समारोह 27 जनवरी 2023 के होई।
प्रश्न 2: कवन-कवन नेता शामिल होइहें?
उत्तर: किंग चार्ल्स, इमैनुअल मैक्रों आ फ्रैंक-वाल्टर स्टाइनमेयर शामिल होइहें।
प्रश्न 3: ई समारोह के मुख्य उद्देश्य का ह?
उत्तर: ई समारोह के मुख्य उद्देश्य इतिहास के याद दिलावल आ भविष्य में एहन घटनवन के रोकल ह।
प्रश्न 4: बचे लोगन के संदेश का होई?
उत्तर: बचे लोगन के संदेश बा कि एहन जघन्य अपराध ना होखे के चाहीं आ इतिहास से सिखल जाव।
ई लेख फिजी के अद्भुत आयोजन के बारे में जानकारी देला आ पाठकन के इतिहास के महत्व समझावे के कोशिश करेला।