ट्राईपु्रा के आदिवासी युवा के डिजिटल कहानी कहे के प्रशिक्षण
गुवाहाटी: हाल ही में, त्रिपुरा के बीस आदिवासी युवा लोग “आदिवासी आवाज” नामक तीन दिन के डिजिटल कहानी कहे के प्रशिक्षण में भाग लिहलन। ई कार्यक्रम के आयोजन “आदिवासी लाइफ्स मैटर” (ALM) द्वारा कइल गइल।
प्रशिक्षण के उद्देश्य
ई प्रशिक्षण के मकसद रहल कि युवा लोग के फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, लेखन, सोशल मीडिया प्रबंधन आ सामग्री डिजाइन में व्यावहारिक ज्ञान दीहल जाव। आदिवासी संस्कृति आ परंपरा के सही तरीके से प्रस्तुत कइल जा सके, एह खातिर ई प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण रहल।
प्रशिक्षण के गतिविधियाँ
प्रशिक्षण में भाग लेवे वाला युवा लोग के कई तरह के गतिविधियों में शामिल कइल गइल। फोटोग्राफी आ वीडियोग्राफी के बेसिक तकनीक सिखावल गइल, जइसन कि कैमरा के इस्तेमाल, लाइटिंग आ एंगल्स के ध्यान रखना। लेखन में, युवा लोग के समाचार लेख, ब्लॉग पोस्ट आ सोशल मीडिया सामग्री लिखे के तरीका सिखावल गइल।
सोशल मीडिया आ सामग्री डिजाइन
सोशल मीडिया के महत्व पर जोर देत हुए, प्रशिक्षण में युवा लोग के सिखावल गइल कि कैसे ऊ लोग अपना विचार आ कहानियन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेश कर सकेला। सामग्री डिजाइन के तहत, ग्राफिक डिजाइनिंग आ विजुअल कंटेंट के निर्माण के बारे में जानकारी दीहल गइल।
प्रशिक्षण के लाभ
ई प्रशिक्षण आदिवासी युवा लोग खातिर बहुत फायदेमंद रहल। ई ना केवल ऊ लोग के खुद के आवाज उठावे के मौका दिहल, बल्कि ऊ लोग के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपन कलाकारी आ संस्कृति के पेश करे के भी मौका मिलल।
संक्षेप में
“आदिवासी आवाज” कार्यक्रम के जरिए, त्रिपुरा के युवा लोग नयका तकनीकी ज्ञान आ कौशल हासिल कइलन, जवन उनके भविष्य के विकास में मदद करी। ई प्रशिक्षण एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनावे के दिशा में एगो कदम साबित हो सकेला।
FAQs
प्रशिक्षण के आयोजन कब कइल गइल?
प्रशिक्षण हाल ही में आयोजित कइल गइल।
कौन संस्थान ई कार्यक्रम के आयोजन कइल?
ई कार्यक्रम “आदिवासी लाइफ्स मैटर” (ALM) द्वारा कइल गइल।
प्रशिक्षण में का-का सिखावल गइल?
प्रशिक्षण में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, लेखन आ सोशल मीडिया प्रबंधन सिखावल गइल।
कितना युवा लोग प्रशिक्षण में भाग लिहल?
बीस आदिवासी युवा लोग प्रशिक्षण में भाग लिहल।
ई प्रशिक्षण के लाभ का बा?
ई प्रशिक्षण युवा लोग के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी आवाज उठावे आ अपन संस्कृति के प्रस्तुत करे के मौका दिहल।