सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसला: पूजा स्थल कानून पर रोक
ताजा सुनवाई आ नयका मुकदमा पर रोक
सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसला में, गुरुवार के दिन कहल गइल कि पूजा स्थल कानून-1991 के खिलाफ नयका मुकदमा दर्ज ना हो सकेला जब तक सर्वोच्च न्यायालय ई मामला ना सुन ले। कोर्ट देशभर के सब अदालतन के नयका मुकदमा सुनवे आ चल रहल मुकदमन में कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश ना देवे के भी रोक लगवले बिया।
कितना मुकदमा पेंडिंग बाड़न
कोर्ट के जानकारी मिलल कि देशभर में 10 मस्जिद आ दरगाहन से जुड़ल 18 मुकदमा अभी पेंडिंग बाड़न। कोर्ट केंद्र सरकार के कहलस कि ऊ अपना हलफनामे में कानून के प्रावधानन पर जानकारी दीं, जेकरा के याचिकाकर्ता असंवैधानिक मानत बाड़न आ कहलन कि ई हिंदू, जैन, बौद्ध आ सिखन के अपने पूजा स्थल वापस पावे के अधिकार से वंचित करत बा।
मुकदमा के संभावित परिणाम
ई मामला के परिणाम ongoing lawsuits पर भी असर डालि सकेला, जेकरा में हिंदू पक्ष दावे करत बाड़न कि मुस्लिम मस्जिदन पर अधिकार पावे खातिर मुकदमा दायर कइले बाड़न, ई दावा करत कि ई मस्जिद प्राचीन मंदिरन पर बनल बाड़ी।
कौन-कौन जगहन पर विवाद
इसमें साक्षी जमात मस्जिद, ज्ञानवापी मस्जिद, शाही ईदगाह मस्जिद आ अजमेर दरगाह के विवाद शामिल बाड़न। विशेष बेंच छह याचिकन के सुनवाई करत बिया, जेकरा में मुख्य याचिका वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर कइल गइल बा, जे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) कानून, 1991 के विभिन्न प्रावधानन के चुनौती देत बिया।
विवादित धार्मिक स्थलों के सूची
हाल के समय में कई धार्मिक स्थलन पर विवाद बढ़ल बा, जइसे:
– **जामा मस्जिद आ सलीम चिश्ती के दरगाह, फतेहपुर सीकरी**: एक जनहित याचिका दायर कइल गइल बा कि ई स्थल माता कामाख्या देवी के मंदिर रहल।
– **अताला मस्जिद, जौनपुर**: याचिका में दावा कइल गइल बा कि ई मस्जिद अताला देवी के मंदिर के जगह पर बनल बा।
– **शम्सी जामा मस्जिद, बदायूं**: ई मस्जिद के स्थान पर नीलकंठ महादेव के मंदिर के मौजूदगी के दावे के तहत मामला चल रहल बा।
– **तिला वाली मस्जिद, लखनऊ**: यहाँ पर हिंदू पक्ष दावा करत बाड़न कि ई स्थल लछ्मण तिला के है, जे मुगलों द्वारा नष्ट कइल गइल।
– **कमल मौला मस्जिद, धार**: ई स्थल के लेकर हिंदू आ मुस्लिम दूनों के दावे बाड़न।
– **अजमेर शरीफ दरगाह**: याचिका में दावा कइल गइल बा कि ई दरगाह शिव मंदिर के ऊपर बनल बा।
– **कुतुब मीनार, दिल्ली**: यहाँ पर दावा कइल गइल बा कि ई संरचना हिंदू सम्राट राजा विक्रमादित्य द्वारा बनावल गइल।
– **जुमा मस्जिद, मंगलुरु**: यहाँ पर मंदिर के अवशेष पाइल गइल के दावे पर विवाद चल रहल बा।
– **ज्ञानवापी मस्जिद, वाराणसी**: ई मस्जिद के ऊपर मंदिर के निर्माण के दावा के चलते मामला बढ़ल।
– **शाही ईदगाह मस्जिद, मथुरा**: ई स्थल पर मंदिर के अस्तित्व के दावे पर सुनवाई चल रहल बा।
– **जामा मस्जिद, संभल**: यहाँ पर विवादित स्थल पर हिंसा के घटना घटल।
समापन
ई सब विवादित स्थलन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला आ कानून के प्रावधानन के पुनरावलोकन से धार्मिक आ सांस्कृतिक संवेदनशीलता पर असर पड़ी।
FAQs
1. पूजा स्थल कानून का ह?
ई कानून 1991 में बनल आ ई कहेला कि 15 अगस्त, 1947 के बाद कोई भी पूजा स्थल के धार्मिक स्थिति में बदलाव ना हो सकेला।
2. सुप्रीम कोर्ट के फैसला के का मतलब बा?
सुप्रीम कोर्ट के फैसला के मतलब बा कि अब नयका मुकदमा ना दायर हो सकेला आ जो चल रहल बाड़न, उन पर रोक लागल बा।
3. ई विवादित स्थलन पर सुनवाई कब होई?
सुनवाई के तारीख आ समय अदालत द्वारा तय कइल जाई।
4. का ई फैसला धार्मिक सौहार्द पर असर डालेगा?
जी हाँ, ई फैसला सांप्रदायिक सौहार्द आ धार्मिक भावनन पर असर डाल सकेला।
5. का ई मामला देशभर में धार्मिक स्थलों के विवाद के बढ़ाई?
हँ, ई मामला विभिन्न धार्मिक स्थलों पर विवाद के बढ़ावे में सहायक हो सकेला।