गुयाना के चुनावी हालात: एएफसी आ एपीएनयू के बातचीत के संभावना
गुयाना से खबरे आइल बा कि आलायंस फॉर चेंज (एएफसी) आ पीपल्स नेशनल कांग्रेस रिफॉर्म (पीएनसीआर)-लेड ए पार्टनरशिप फॉर नेशनल यूनिटी (एपीएनयू) के बीच बातचीत के संभावना फिर से ज़िंदा हो गइल बा। ई बातचीत के मुद्दा हाल ही में एक गो समझौता के उल्लंघन के बाद उभरा। एएफसी के चेयरमैन, डेविड पैटर्सन बतवले कि उनकर पार्टी एपीएनयू के साथ बातचीत के फिर से शुरू करे के इच्छुक बाड़ी स, लेकिन कुछ शर्तन के साथ।
बातचीत के शर्त आ लक्ष्य
पैटर्सन कहले कि एएफसी चाहत बिया कि बातचीत के प्रक्रिया के पूरा सम्मान होखे आ सब पार्टी आ व्यक्तिगत पूर्व शर्तन के साइड में रखके गुयाना के भलाई के खातिर काम कइल जाव। एएफसी के मंशा बा कि एक ठो साफ-सुथरा राजनीतिक प्लेटफॉर्म तैयार कइल जाव, जेकरा के मौजूदा सरकार के विकल्प के रूप में गुयाना के सामने पेश कइल जा सके।
ई सब काम 31 मार्च 2025 के सख्त समयसीमा के भीतर पूरा होखे के चाहीं। समझौता के अनुसार, अगर दूनो पार्टी सहमत हो जालन, त समयसीमा के बढ़ावल भी जा सकेला।
पीएनसीआर के नेता के बयान
पीएनसीआर आ एपीएनयू के नेता ओब्रे नॉर्टन कहले कि उनकर विश्वास बा कि ऊ लोग सब मुद्दा के हल क सकेला, काहे कि प्राथमिकता बा “एक भ्रष्ट, अयोग्य पार्टी, जेकर नाम पीपीपी बा, के हटावल” जे गुयाना के संसाधनन के गलत इस्तेमाल कर रहल बिया।
राष्ट्रपति के उम्मीदवारी के मुद्दा पर, नॉर्टन फेर से कहले कि ओह पर फैसला उनकर पार्टी के कांग्रेस के द्वारा हो चुकल बा, आ ऊ खुदे कोई बदलाव पर फैसला लेहब। एएफसी के नेता नाइजल ह्यूजेस पहिले कह चुकल बाड़न कि राष्ट्रपति के उम्मीदवारी सर्वेक्षण आ अन्य मापदंड के आधार पर होखे के चाहीं।
गोपनीयता के उल्लंघन
हालांकि एएफसी गोपनीयता के उल्लंघन के चिंता जतवले बाड़ी स, लेकिन ऊ लोग एक दिने पहले ई समझौता के दस्तावेज़ फेसबुक पर साझा क दिहल। ई समझौता के अनुसार, बातचीत के दौरान साझा कइल गइल सब जानकारी strictly confidential होखे के चाहीं।
दो चरण के योजना
समझौता में एगो दू-चरणीय दृष्टिकोण के बात कइल गइल बा। पहिला चरण में एक सामान्य राजनीतिक प्लेटफॉर्म तैयार कइल जाई आ अगर ऊ सफल हो जाला, त Coalition Contesting आ Governance Structure के विकास शुरू कइल जाई। ई समझा गइल बा कि पहिला चरण के पहल गुयाना के मौजूदा सरकार के हटावे में आवश्यक बा।
संचार आ बजट के योजना
एपीएनयू आ एएफसी मिलके एक ठो व्यापक राजनीतिक ढांचा विकसित करे के सहमत भइले बाड़न, ताकि सब जनसंख्या के सही से सेवा मिल सके। साथ ही, सार्वजनिक संचार के समन्वय के एक तंत्र विकसित कइल जाई। दूनो पार्टी एक ठो बजट भी तय करीं आ धन के तीन किस्तों में प्रदान कइल जाई।
उपसंहार
गुयाना में चुनावी माहौल अब तेजी से बदल रहल बा। एएफसी आ एपीएनयू के बीच बातचीत के संभावना, गुयाना के राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा असर डाल सकेला। समय के साथ-साथ, ई देखल जरूरी होई कि ई गठजोड़ के परिणाम का होखेला।
FAQs
1. एएफसी आ एपीएनयू के बातचीत के सीधा असर का होई?
ए बातचीत गुयाना के मौजूदा सरकार के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक विकल्प तैयार कर सकेला।
2. समझौता के गोपनीयता कइसे उल्लंघन भइल?
एएफसी फेसबुक पर समझौता के दस्तावेज साझा क दिहल, जबकि ई गोपनीयता के उल्लंघन के रूप में गिनल गइल।
3. राष्ट्रपति के उम्मीदवारी पर का फैसला भइल?
पीएनसीआर के कांग्रेस के अनुसार, ओब्रे नॉर्टन के उम्मीदवारी पर फैसला हो चुकल बा आ ऊ खुदे बदलाव पर निर्णय लेहब।