सरकार के नीति के खिलाफ बड़का प्रदर्शन
गुवाहाटी, 26 नवम्बर: भारत के केंद्र सरकार के नीति के खिलाफ एगो बड़का विरोध प्रदर्शन के आयोजन कइल गइल, जवन कि केंद्रीय ट्रेड यूनियन (CITU) द्वारा कइल गइल। ई प्रदर्शन किसानन आ मजूरन के खिलाफ कहल गइल नीति के निंदा कर रहल बाड़न।
गुवाहाटी में, आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) द्वारा “डबल इंजन” भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कइल गइल। ई प्रदर्शन असम के कृषि आ चाय बगान के मजदूरन के दयनीय हालात पर ध्यान खींच रहल बाड़न।
एक प्रदर्शनकारी से द असम ट्रिब्यून के बात करत कहले, “असम में 23 लाख कृषि मजदूर बाड़न, जवन बेहद खराब स्थिति में जी रहल बाड़न। 12 लाख चाय बगान के मजदूर दिन में मुश्किल से 250 रुपिया कमावत बाड़न, जबकि करीब 2 लाख आंगनबाड़ी के काम करे वाली औरत लोग के महज 50 से 100 रुपिया मिलत बा। सरकार ई समस्या के समाधान खातिर कवनो कदम ना उठा रहल बिया?”
प्रदर्शनकारी सरकार के कृषि आ मजदूर वर्ग के प्रति लापरवाही पर आलोचना करत बाड़न। उनकर कहना बा कि मजदूरन के वेतन ठहर गइल बा आ असमानता बढ़त जात बिया। “मजदूरन के वेतन में कवनो बढ़ोतरी ना भइल बा। अगर कवनो आदमी 2 रुपिया कमावत बा, त ओकरा 8 रुपिया चुकावे के मजबूर कइल जात बा। ठेकेदार लोग हावी हो गइल बा, आ ई सरकार मजदूरन के हक में ना काम करत बिया,” दुसरा प्रदर्शनकारी जोडलन।
प्रदर्शनकारी लोग बढ़त राष्ट्रीय कर्ज पर चिंता जतावत बाड़न, सरकार के नीति में बदलाव के मांग करत बाड़न। उनकर कहना बा कि स्वास्थ्य आ शिक्षा के सुविधा के कमी पर जोर डालत बाड़न, आ कहत बाड़न कि इनकर शिकायतन के त्वरित समाधान के जरूरत बा। “अगर ई समस्या ना सुलझावल गइल, त ई सरकार 2026 में सत्ता में ना रही,” एक प्रदर्शनकारी कसम खा के कहलन।
प्रदर्शनकारी लोग BJP सरकार पर बड़ा व्यवसायन के हित में काम करे के आरोप लगावत बाड़न। “ई सरकार अदानी आ अंबानी के दलाल बन गइल बा। ऊ लोग असम के संसाधन के बेच रहल बाड़न। अगर सरकार हमनी के जमीन, तेल आ किसानन आ मजदूरन के अधिकार के रक्षा ना कर सकी, त असम में कवनो सच्चा विकास संभव ना होई,” एक प्रदर्शनकारी कहले।
ई प्रदर्शन असम में कामकाजी वर्ग के बीच बढ़त असंतोष के संकेत दे रहल बाड़न, आ प्रदर्शनकारी लोग साफ-साफ कह दिहलन कि ऊ लोग बेहतर हालात आ सरकार के नीति के तहत उचित व्यवहार खातिर लड़ाई जारी रखी।
FAQs
प्रदर्शन के मुख्य कारण का ह?
प्रदर्शन के मुख्य कारण सरकार के किसान आ मजदूर वर्ग के खिलाफ नीति आ उनकर खराब स्थिति ह।
कितना मजदूर असम में बाड़न?
असम में करीब 23 लाख कृषि मजदूर आ 12 लाख चाय बगान के मजदूर बाड़न।
सरकार के नीति में का बदलाव के मांग कइल जात बा?
प्रदर्शनकारी लोग वेतन बढ़ोतरी, स्वास्थ्य आ शिक्षा के सुविधा के सुधार आ किसानन के अधिकार के रक्षा के मांग कर रहल बाड़न।
प्रदर्शन में कवनो खास संगठन शामिल रहल?
प्रदर्शन में आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) आ केंद्रीय ट्रेड यूनियन (CITU) शामिल रहल बाड़न।