Tuesday, March 11, 2025
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RBI के फैसला से NBFC ऋण वृद्धि में भारी गिरावट

Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक एक रिपोर्ट में कहलस कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियन (NBFC) के हालत ठीके बिया। इनकर पूंजी, ब्याज मार्जिन आ परिसंपत्ति के गुणवत्ता बेहतर भइल बा। फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में ई बात कहल गइल बा, कि एह साल आरबीआई चार गो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियन पर लोन देवे से रोक लगवले रहले। ई कार्रवाई उपभोक्तन से लोन पर ज्यादा ब्याज लेवे के सिलसिला में भइल। आरबीआई के ई कदम के बाद इन वित्तीय कंपनियन के ऋण वृद्धि में 6.5 प्रतिशत के कमी आइल बा।

पैसा जुटावे खातिर बॉंड मार्केट पर निर्भर होखत एनबीएफसी

जिन गैर-वित्तीय संस्थानन के ऋण वृद्धि में कमी आइल बा, उहां मुख्य रूप से बड़ा स्तर के एनबीएफसी-निवेश ऋण कंपनियन के सामिल कइल जाला, जिनकर लोन बुक में खुदरा ऋण के हिस्सेदारी सबसे अधिक (63.8 प्रतिशत) बा। कुल मिलाके एह क्षेत्र के ऋण वृद्धि 22.1 प्रतिशत से घटके 16 प्रतिशत हो गइल बा।

रिपोर्ट में कहल गइल बा कि बैंकों से डायरेक्ट फंडिंग के कमी के कारण एनबीएफसी अब पूंजी जुटावे खातिर बॉंड मार्केट पर अधिक निर्भर हो रहल बाड़ी। सितंबर 2024 तक प्रत्यक्ष उधारी, वाणिज्यिक पत्र आ डिबेंचर के ऊंचा रेटिंग वाला एनबीएफसी के लिए बैंक फंडिंग 35.8 प्रतिशत से घटके 34.6 प्रतिशत हो गइल बा। मध्यम स्तर के एनबीएफसी के लिए ई प्रतिशत 26.7 से घटके 26.3 प्रतिशत हो गइल बा।

चुनौतियन के बावजूद स्थिर एनबीएफसी के हालत

एनबीएफसी के बैंकों से उधारी भी 26 प्रतिशत से घटके 17 प्रतिशत हो गइल बा, जबकि गैर-बैंकिंग स्रोत पर इनकर निर्भरता बढ़ल बा। कॉरपोरेट बॉंड बाजार एनबीएफसी खातिर फंडिंग के बड़ा जरिया बनल बा, जे सबसे ज्यादा बॉंड इश्यू करेली। साथे ही, निजी प्लेसमेंट भी फंडिंग के एक पसंदीदा तरीका बनल बा।

बैंकों से कम प्रत्यक्ष फंडिंग के प्रभाव के कम करे खातिर एनबीएफसी अब सूचीबद्ध गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के ज्यादा जारी करे के ओर बढ़ल बाड़ी। इसके अलावे, एनबीएफसी फंडिंग खातिर विदेशी मुद्रा उधारी के रास्ता भी अपनवले बाड़ी। हालाँकि, इन सब चुनौती के बावजूद एनबीएफसी सेक्टर स्थिर बनील बा।

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FAQs

एनबीएफसी का होला?

एनबीएफसी, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियन के रूप में जानल जाला, जे बैंक ना होके भी वित्तीय सेवाएं प्रदान करेली।

आरबीआई के कार्रवाई काहे भइल?

आरबीआई के कार्रवाई उपभोक्तन से लोन पर ज्यादा ब्याज लेवे के चलते भइल।

एनबीएफसी के फंडिंग के स्रोत का बाड़न?

एनबीएफसी के फंडिंग के मुख्य स्रोत बैंकों, बॉंड मार्केट आ विदेशी मुद्रा उधारी हवे।

ऋण वृद्धि में कमी कइसे हो रहल बा?

बैंकों से डायरेक्ट फंडिंग में कमी आइल बा, जेकरा चलते एनबीएफसी के ऋण वृद्धि में कमी आइल बा।

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