शिवपुरी जिला के RTI कार्यकर्ता के साथ भइल बर्बरता
घटना के विवरण
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला में एगो RTI कार्यकर्ता, देवेंद्र चौरासिया, मंगलवार के आरोप लगवले बाड़ें कि उनकरा के स्थानीय नगर निगम कार्यालय में बंधक बना के धमकावल गइल। उनकरा इ जानकारी इकट्ठा करे खातिर बुलावल गइल रहुवे। उनकरा के जानकारी के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत जानकारी लेवे गइल रहल।
“हम मार्च 2 के RTI आवेदन दिहनी आ उनकरा 3 अप्रैल के लाभार्थी सूची देखे खातिर बुलवले रहन। जब हम सूची देखलें, त हम 112 लाभार्थी के जानकारी मांगलें। लेकिन उनकरा कहलें कि जानकारी उपलब्ध ना बाड़ी। तब से हम कई बेर कार्यालय गइल बानी आ अधिकारी लोग से बात कइनी, लेकिन हर बार अलग-अलग कारण बताके जानकारी देवे में देरी कइलें,” चौरासिया बतवले।
धमकी आ बंधक बनावल गइल
चौरासिया बतवले कि मंगलवार के उनकरा के नगर निगम कार्यालय में बुलावल गइल रहुवे। पूर्व शाखा प्रमुख हबीब खान कहलें कि ऊ खुद कार्यालय आवत बाड़ें। लेकिन जब चौरासिया पहुंचलें, त मुख्य नगर अधिकारी प्रवीण नारवरिया कहलें कि पूरा जानकारी अबहियों उपलब्ध ना बाड़ी। चौरासिया बतवले, “हम अपना द्वारा लिखल पत्र के उनकरा के सौंपे के कोशिश कइनी, लेकिन ऊ पत्र ना लिहलें आ दूसर अधिकारी लोग के दरवाजा बंद करे के निर्देश दिहलें। ऊ लोग मुख्य गेट पर दू गो ताला लगवले आ हमके धमकावे लागलें।”
प्रशासनिक दबाव
चौरासिया आरोप लगवले कि अधिकारी लोग कई महीना से जानकारी ना देवे के कोशिश करत बाड़ें आ उनकरा पर दबाव बना के उ मामला वापस लेवे के कहल जा रहल बा। “ई मामला अभी लोकायुक्त के पास लंबित बा आ ऊ लोग हमके लगातार दबाव बना के उ मामला वापस लेवे के कहत बाड़ें,” ऊ कहले।
चौरासिया कहले कि बहुत सारा लाभार्थी में नगर निगम के अधिकारी आ स्थानीय नेता के परिवार के लोग शामिल बाड़ें। “हमके एक स्थानीय पत्रकार के बुलावे के मजबूरी भइल आ गेट 45 मिनट से बंद रहल। जब ऊ पत्रकार वीडियो बनावे लगलें, त उनकरा लोग गेट खोले के मजबूर भइल,” ऊ बतवले।
पुलिस में शिकायत
चौरासिया ई मामला के लेके स्थानीय पुलिस में शिकायत भी कइले बाड़ें। नारवार थाना के प्रभारी केदार यादव कहले कि नगर निगम के अधिकारी लोग के ओर से एक शिकायत मिलल बा, जवन में कहल गइल बा कि चौरासिया कुछ सरकारी दस्तावेज फाड़ दिहले आ सरकारी काम में बाधा डालले।
स्थानीय नेता के प्रतिक्रिया
नगर परिषद के अध्यक्ष पद्मा महेश्वरी से संपर्क ना हो पावल। लेकिन उनकर पति संदीप महेश्वरी, जवन स्थानीय नेता बाड़ें, आरोप के खारिज कइले आ कहलें कि कुछ स्थानीय पत्रकार आ RTI कार्यकर्ता अधिकारी लोग के “ब्लैकमेल” करत बाड़ें। “मुख्य गेट हमेशा बंद रहेला काहेकि आवारा पशु कार्यालय में घुस जाला। घटना के समय अध्यक्ष कार्यालय में ना रहीं, लेकिन ई लोग अक्सर RTI के नाम पर हंगामा करेला,” महेश्वरी बतवले।
निष्कर्ष
ई घटना से साफ हो जाला कि RTI कार्यकर्ता लोग के सुरक्षा आ अधिकार के लेके गंभीर सवाल उठत बाड़ें। अधिकारी लोग के दवाब आ बर्बरता के खिलाफ आवाज उठावे के जरूरत बा ताकि सच्चाई आ पारदर्शिता के रक्षा हो सके।
FAQs
1. RTI कार्यकर्ता के साथ का भइल?
RTI कार्यकर्ता देवेंद्र चौरासिया के नगर निगम कार्यालय में बंधक बना के धमकावल गइल।
2. चौरासिया काहे जानकारी मांगलें?
ऊ प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी के जानकारी मांगलें।
3. अधिकारी लोग के प्रतिक्रिया का रहल?
अधिकारी लोग आरोप लगवले कि चौरासिया सरकारी दस्तावेज फाड़लें आ काम में बाधा डाललें।
4. चौरासिया का करीं?
चौरासिया ई मामला के लेके पुलिस में शिकायत कइले बाड़ें।