सांभल के कार्तिकेय मंदिर में पुरातात्त्विक जांच
सांभल, यूपी में कार्तिकेय मंदिर के पुरातात्त्विक सर्वेक्षण भारत (ASI) के टीम शुक्रवार के कार्बन डेटिंग कइलस। ई मंदिर 13 दिसंबर के खुलल, जवन कि 46 साल से बंद रहल। जानकारी के अनुसार, ई मंदिर 1978 में साम्प्रदायिक दंगन के बाद से बंद रहल, जवन कि स्थानीय हिंदू समुदाय के विस्थापित क दिहलस।
गोपनीयता से कइल गइल निरीक्षण
ASI के निरीक्षण बहुत गोपनीयता से कइल गइल, जवन कि एक चार सदस्यीय टीम द्वारा निगरानी कइल गइल। जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार, अधिकारी लोग कार्बन डेटिंग कइल आ आस-पास के पाँच तीर्थ स्थलों के जांच कइल, जवन में भद्रक आश्रम, स्वर्गदीप आ चक्रपाणि शामिल रहल। साथे, उ लोग 19 कुआँन के भी निरीक्षण कइल।
मीडिया से दूर रखल गइल गतिविधि
ASI के प्रशासन से अनुरोध रहल कि उ लोग के गतिविधि मीडिया के ध्यान से दूर राखल जाव। पहले अधिकारी लोग बतवले रह कि ई मंदिर अतिक्रमण हटावे के अभियान के दौरान खोजल गइल। अधिकारी लोग के अनुसार, ई खोज अनियोजित रहल, आ उ लोग कहले कि “हम ई स्थान पर ठोकर खा गइल।”
सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के बात
सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) वंदना मिश्रा, जे बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहल बाड़ी, उ बतवलीं, “जब हम क्षेत्र के निरीक्षण कर रहल रहीं, त हम ई मंदिर पर ठोकर खा गइल। जइसहीं हम देखल, हम तुरंत जिला अधिकारी लोग के जानकारी दिहल।”
भोजपुरी संस्कृति के संग मंदिर के महत्त्व
ई मंदिर के खुलना स्थानीय समाज खातिर एक महत्वपूर्ण घटना ह। कई पीढ़ी से लोग ई स्थल के पूजा-पाठ से वंचित रहल। अब जब ई मंदिर फिर से खुलल बा, त स्थानीय लोगन के विश्वास आ आस्था के नया उजाला मिलल बा।
सांस्कृतिक उत्सव के तैयारी
मंदिर के खुलने के बाद, अब लोग एक नया सांस्कृतिक उत्सव के तैयारी में जुटल बाड़े। ई अवसर पर लोग एकजुट होके आस्था आ श्रद्धा के साथ आयोजन कर सकीला। ई ना खाली धार्मिक महत्त्व रखता, बलुक ई स्थानीय संस्कृति के भी बढ़ावा देवे में सहायक होई।
FAQs
1. कार्तिकेय मंदिर कब खुलल?
कार्तिकेय मंदिर 13 दिसंबर 2024 के खुलल।
2. ई मंदिर काहे बंद रहल?
ई मंदिर 1978 से साम्प्रदायिक दंगन के चलते बंद रहल।
3. ASI के टीम का काम कइल?
ASI के टीम कार्बन डेटिंग आ आसपास के तीर्थ स्थलों के निरीक्षण कइल।
4. ई मंदिर के खोज कइसे भइल?
ई मंदिर अतिक्रमण हटावे के अभियान के दौरान अनियोजित रूप से खोजल गइल।
5. स्थानीय लोग के ई मंदिर के खुलने से का फायदा होई?
स्थानीय लोग के आस्था आ श्रद्धा के नया मौका मिली, आ सांस्कृतिक उत्सव के आयोजन होई।