सुरिनाम के हालात पर तेज आलोचना
सुरिनाम के NDP के नेता André Misiekaba राष्ट्रपति Chan Santokhi द्वारा समाज खातिर घोषित 750 अमेरिकी डॉलर पर कड़ा आलोचना कइले बाड़न। ऊ एक पार्टी मीटिंग में, जवन कि Goede Verwachting में भइल, सवाल उठवले कि ई रकम केतना प्रभावी बा, आ के तय कइले कि ई राशि लोगन के जरूरतन के पूरा कर सकेला।
सरकार के नाकामी पर सवाल
Misiekaba केहू पर आरोप लगवले बाड़न कि सरकार कवनो ठोस समस्या के समाधान नइखे कर पावत, जवन कि देश के कई साल से परेशान कर रहल बा। ऊ कहले, “राष्ट्रपति के बस एके काम बचल बा, कि ऊ घर जाए के तैयारी करे।” ऊ बतवले कि पिछले 4.5 साल के शासन में सरकार के नीति कमजोरी आ निर्णय क्षमता के कमी से भरी रहल।
अचानक बदलाव के संकेत
Misiekaba के कहना बा कि जवन काम साल भर से संभव नइखे भइल, ऊ अब अचानक से छह महीना में संभव लग रहल बा। ई बात ओह लोग खातिर सोच के विषय बा, जवन सरकार के काम के प्रति निराशा महसूस कर रहल बा।
सरकार के सहायता के स्वीकार्यता
हालांकि, ऊ अपने समर्थकन से कहले बाड़न कि सरकार द्वारा दिहल गइल सहायता के स्वीकार करे के चाहीं। ऊ कहले, “ई उनका के अधिकार बा,” जवन कि वित्तीय सहायता के संदर्भ में कहल गइल बा।
भोजपुरिया समाज के संदर्भ
सुरिनाम के ई हालात भोजपुरिया समाज खातिर एक महत्वपूर्ण विषय बा। जहाँ एक ओर लोगन के जीवन स्तर पर असर पड़ रहल बा, ओहिजा सरकार के नीति आ निर्णय भी चर्चा के विषय बनल बा।
आर्थिक स्थिति के चिंता
सुरिनाम के आर्थिक स्थिति पर चिंता जतावल जा रहल बा। ऊ देश के लोगन के रोजी-रोटी पर असर पड़ रहल बा, आ सरकार के कदम के प्रभावशीलता पर सवाल उठावल जा रहल बा।
आगे के राह
अब देखे के ई बा कि सरकार के ई उपाय लोगन के जरूरत पूरा कर पाई या ना। Misiekaba के आलोचना आ सरकार के प्रयास एक-दूसरे के सामने खड़ा बाड़न।
FAQs
सुरिनाम के सरकार के स्थिति का बा?
सरकार के स्थिति कमजोर बतावल जा रहल बा, आ लोगन के समस्यावन के समाधान करे में असफल बा।
André Misiekaba के आलोचना काहे बा?
ऊ राष्ट्रपति द्वारा घोषित आर्थिक सहायता के प्रभावशीलता पर सवाल उठावत बाड़न।
लोगन के सहायता स्वीकार करे के चाहीं या ना?
Misiekaba के अनुसार, लोगन के सरकार के सहायता स्वीकार करे के अधिकार बा।
सरकार के नीति के असर का बा?
सरकार के नीति के असर लोगन के जीवन स्तर पर पड़ रहल बा।
ई हालात सुरिनाम के भोजपुरिया समुदाय खातिर एक गंभीर विषय बनल बा, आ लोगन के ई देखल जरूरी बा कि सरकार के कदम के प्रभाव का होला।